
Barat in Helicopter: कहते है कि पिता तो पिता होता है, वह अपने बच्चों की ख्वाहिश पूरी करने के लिए अपनी पूरी जिंदगी खपा देता है. लेकिन, हमेशा उनकी तमन्ना अपने बच्चों को खुश देखने की होती है. मध्य प्रदेश के उज्जैन से एक पिता की कुछ ऐसी ही कहानी सामने आई है. जहां एक पिता अपने बेटे की बचपन की ख्वाहिश पूरी करने के लिए बेटे को हेलीकॉप्टर में बैठाकर शादी कराने के लिए लेकर पहुंचा.
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित एक गांव में युवक हेलीकॉप्टर से दुल्हन लेने पहुंचा. पहली बार हेलिकॉप्टर देख दूल्हा दुल्हन के गांव में बनाए गए हेलीपेड के आस पास काफी भीड़ जमा हो गई. दरअसल, दूल्हा बचपन से हेलीकॉप्टर में बैठने का कहता था. इसलिए उसके पिता ने बेटी की शादी पर हेलीकॉप्टर बुक कर दिया.
बेटे की ख्वाहिश पूरी करने के लिए खर्चे 12.50 लाख रुपये
आगर रोड़ स्थित घट्टिया क्षेत्र के ग्राम चौसला निवासी जितेन्द्र सिंह गोहिल बोरिंग और प्रॉपर्टी का काम करते हैं. उनका पुत्र कप्तान सिंह बचपन से हेलीकॉप्टर मांगता रहता था और उसमें बैठने की जिद किया करता था. इसलिए जब उसकी शादी इंगोरिया की लक्ष्मी कुंवर के साथ तय हुई, तो गोहिल ने बेटे का सपना साकार करने के लिए हेलीकॉप्टर से बारात ले जाना तय किया. जितेंद्र सिंह ने बताया कि अहमदाबाद की कम्पनी से 12.50 लाख रुपये हेलीकॉप बुक कर पुलिस, प्रशासन, फायर की एनओसी और अन्य पेपर वर्क पुरे करवाकर सोमवार को बेटे की बारात लेकर इंगोरिया पहुंचे.
दोनों गांव में बना हेलीपैड
हेलीकॉप्टर से बारात जाने के लिए चौसला और इंगोरिया दोनों गांवों में हेलीपैड बनाया गया. मौके पर पुलिस के जवान भी मौजूद रहे.हेलीकॉप्टर से बारात जाने का पता चलते दोनों गांव में लोगों की भीड़ लग गई. दूल्हे कप्तान सिंह ने बताया कि में बहुत खुश हूं. मेरे पापा ने मेरा सपना पूरा किया, इस पर मुझे गर्व हो रहा है.
हेलीकॉप्टर से बारात का चलन बढ़ा
दरअसल, ग्रामीण इलाकों में हेलीकॉप्टर से बारात ले जाने का चलन चल बढ़ा है. इसके लिए लोग 12 से 15 लाख रुपये तक खर्च कर रहे हैं. पांच माह पहले 22 नवम्बर को उज्जैन में श्रीराम मोटर बाइंडिंग, होटल अपना और तड़का बार के संचालक के बेटे की बारात भी हेलीकाप्टर से महिदपुर गई थी. सांवरा खेड़ी के जगदीश माली के बेटे ऋतिक माली की बारात भीहेलीकाप्टर से महिदपुर के गांव भीमखेड़ा गई थी. कुछ समय पूर्व एक युवक तराना में हेलीकॉप्टर से दुल्हन को लेने गया था.