Bandhavgarh Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब पर्यटक अपने मोबाइल फोन से बाघ और अन्य वन्यजीवों की तस्वीरें या वीडियो नहीं बना सकेंगे. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के 17 नवंबर 2025 के आदेश के अनुसार उठाया गया है, जिसमें देश के सभी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्रों में मोबाइल फोन के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया था.
डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि पहले सैलानी सफारी के दौरान अपने मोबाइल कैमरों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय ने कहा कि मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से जंगल की प्राकृतिक शांति भंग हो रही थी और वन्यजीवों की स्वाभाविक गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा था.
Read Also: बेस्ट वाइल्डलाइफ डेस्टिनेशन का खिताब मध्यप्रदेश को क्यों? MP के टॉप टाइगर रिज़र्व की पूरी लिस्ट
रिजर्व प्रबंधन अगले दो-तीन दिनों में सभी प्रवेश द्वारों पर विशेष स्टॉल लगाएगा, जहां पर्यटक अपने मोबाइल जमा कर सकेंगे. इससे न केवल वन्यजीव सुरक्षित रहेंगे, बल्कि पर्यटकों को भी बिना किसी असुविधा के सफारी का अनुभव लेने का अवसर मिलेगा.
पार्क अधिकारियों ने कहा कि यह फैसला पर्यटकों में जंगल और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है. अब पर्यटक फोटो और वीडियो बनाने में व्यस्त रहने के बजाय, वास्तविक वन्य जीवन का आनंद ले सकेंगे और जानवरों की स्वाभाविक गतिविधियों को नजदीक से देख पाएंगे.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बारे में जानकारी
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल है, खासकर उन लोगों के लिए जो जंगल में बाघ को देखना चाहते हैं. यह रिजर्व रॉयल बंगाल टाइगर के लिए विश्वप्रसिद्ध है, जो भारत का राष्ट्रीय पशु भी है. घने जंगल, बांस की हरियाली, विशाल घास के मैदान और बारहमासी झरने इस अकेले शिकारी के लिए आदर्श आवास प्रदान करते हैं. प्रशासनिक प्रयासों के चलते रिजर्व में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है और यह टॉप रिज़र्व में शुमार है.
सिर्फ बाघ ही नहीं, बल्कि यहाँ दुर्लभ प्रजातियों और विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देखने के लिए भी पर्यटक आकर्षित होते हैं. रिजर्व का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है. यहाँ बांधवगढ़ किला, गुफाएं, चट्टानों पर बनी पेंटिंग्स और नक्काशी इसकी ऐतिहासिक विरासत का सबूत हैं.
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व तीन मुख्य क्षेत्रों में विभाजित है-'बांधवगढ़ नेशनल पार्क' और 'पनपथा वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी', जो कोर एरिया बनाते हैं, तथा आस-पास का घोषित 'बफर एरिया', जो उमरिया, शहडोल और कटनी जिलों में फैला हुआ है.
Read Also: DSP कल्पना वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं: लव ट्रैप में फंसकर दीपक टंडन ने लुटाए 2 करोड़, एक्शन में आई CG पुलिस