
Bamboo cultivation in MP : अक्सर देखने में आता है लोग किसानी छोड़कर शहरों में आ जाते हैं, क्योंकि ऐसी धारणा है कि खेती घाटे का सौदा है, लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नीमच में एक किसान ने इस सोच और धारणा को बदल दिया है. एक ऐसा किसान जो दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अच्छी-खासी नौकरी करता था वो सबकुछ छोड़कर नीमच आ जाता है. इसके बाद वो न सिर्फ खेती करता है, बल्कि अब तो उसके खेत को देखने के लिए लोग 50 रुपये की फीस देने में भी गुरेज नहीं करते. खेत के बाहर बकायदा बैनर लगा है- इस खेत की वीडियोग्राफी करनी है तो 21 सौ रुपये की फीस लगेगी. कौन है वे किसान और कैसे उन्होंने अपने खेत को बना दिया टूरिस्ट स्पॉट?

केंद्र सरकार की नौकरी छोड़ कर रहे खेती
नीमच के मनासा तहसील के गांव भाटखेड़ी के कमलाशंकर ने कोरोना काल के दौरान कुछ नया करने की सोच और परिवार के दवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली से सलाहकार की नौकरी छोड़ दी और फिर खेती करने की सोची. नौकरी छोड़ने के बाद कमलाशंकर ने अपने गांव में आकर 1 हेक्टेयर जमीन पर बांस की खेती (Bamboo cultivation) शुरू की. उन्होंने नवाचार करते हुए बांस के पौधों के बीच की गैप में पहले दो साल अश्वगंधा और बाद में शतावरी की फसल लगाई और लाखों का मुनाफा कमाया. इतना ही नहीं कमलाशंकर ने अपने बांस के खेत को इस तरह से तैयार किया कि यह एक टूरिस्ट स्पॉट बन गया है.
बांस का खेत बनाया शूटिंग और टूरिस्ट स्पॉट
यहां जो लोग आते हैं उनसे 50 रुपये टिकट शुल्क लिए जाते हैं. साथ ही कपल, प्री वेडिंग, मैटरनिटी, आदि शूट के लिए 2100 रुपये का शुल्क लिया जाता है. इस तरह कमलाशंकर बांस, शतावरी ओर फोटो शूट से तीन कमाई कर रहे हैं.

टूरिस्ट स्पॉट विकसित करने के लिए किया गया सम्मानित
खास बात यह है कि कमलाशंकर इस राशि का उपयोग खेत के मेंटेनेंस के साथ-साथ औषधि पौधों को संरक्षित करने और उन्हें खरीदने पर खर्च करते हैं. कमलाशंकर को समय समय पर शासन प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया गया है. हाल ही में उन्हें ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में कृषि वानिकी व पर्यावरण पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य व नवाचार करने के लिए 'कृषक फैलो सम्मान 2024' प्रदान किया गया. बता दें कि यह सम्मान उन्हें अपने खेत को एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए दिया गया.
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