Madhya Pradesh Crime news: मध्य प्रदेश में रोजाना बाबू पर लोकायुक्त की कार्रवाई का सिलसिला जारी है. कई दिलचस्प मामले बाबू की रिश्वतखोरी से जुड़े हुए सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बालाघाट जिले के बैहर का सामने आया है. जहां जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम कटघरे में है. जहां ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर की टीम ने बैहर के गढ़ी गांव में फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों पर करवाई की और कई झोला छाप डॉक्टरों के क्लिनिक को सील कर टीम चाबी ले गए. इसके बाद झोला छाप डॉक्टर ने बीएमओ कार्यालय के चक्कर काटना शुरू किया और चाबी मांगने लगे.
हुई शिकायत
डॉक्टरों में से ही एक झोला छाप डॉक्टर दिनेश कुमार मरकाम ने अपनी आपबीती लोकायुक्त जबलपुर के अधिकारी को सुनाई और बताया कि बीएमओ कार्यालय के बाबू प्रवीण जैन क्लिनिक सील कर गए और क्लिनिक खोलने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं. लोकायुक्त ने झोलाछाप डॉक्टर मरकाम की शिकायत पर बाबू के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई का जाल बिछाया.
ऐसे किया गिरफ्तार
झोला छाप डॉक्टर बाबू प्रवीण जैन को सिविल अस्पताल बैहर के सामने रिश्वत देने पहुंचा. जहां बाबू अपने पुत्र प्रिंस जैन के साथ फर्जी झोला छाप डॉक्टर को क्लिनीक की चाबी देने के एवज में रिश्वत लेने लगा. पैसे गिनते वक्त लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया. लोकायुक्त ने इस पूरे मामले में पिता पुत्र पर रिश्वत लेने का प्रकरण दर्ज किया है.
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रोने लगा फर्जी डॉक्टर
वहीं लोकायुक्त के इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके ने बताया कि डॉक्टर ने शिकायत की थी. रिश्वत की जिसके बाद बाबू के खिलाफ कारवाई की गई है. 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पिता-पुत्र को पकड़ा है. रिश्वत देने वाला फर्जी डॉक्टर दिनेश मरकाम आरोपी बाबू को पकड़वाने के बाद रोने लगा और कहा कि मेरे खाने के लाले पड़े हैं, बेटा बीमार है ऑपरेशन कराया है फिर भी बाबू 50 हजार रिश्वत मांग रहा था 30 दे आया.
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