Bagh Print: मध्यप्रदेश के धार (Dhar) जिले के बाग (Bagh) क्षेत्र की परंपरागत बाग प्रिंट हस्तकला (Traditional Indian Handicraft) ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में सफलता हासिल की है. शिल्प गुरु और गोल्ड मेडलिस्ट मोहम्मद यूसुफ खत्री ने हाल ही में जापान (Japan) में आयोजित कई कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश की परंपरागत बाग प्रिंट की कला का प्रदर्शन किया, जिसने जापान के लोगों का दिल जीत लिया. जापान में आयोजित इंडिया मेले-2024 (India Mela 2024) में मध्यप्रदेश के वस्त्रों में विशिष्ट पहचान बनाने वाली बाग प्रिंट ने सभी का ध्यान न केवल अपनी ओर खींचा, बल्कि अपनी विशेष छाप भी छोड़ी. मोहम्मद यूसुफ खत्री, जो बाग प्रिंट हस्तशिल्प के पुश्तैनी कलाकार हैं, उन्होंने जापान के विभिन्न शहरों में बाग प्रिंट की मास्टर क्लासेस और कारीगरी का प्रदर्शन किया. जापान में भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज और वस्त्र मंत्रालय की विकास आयुक्त अमृत राज ने भी उनकी कला को सराहा.
बाघिनी नदी के तट पर बसा ग्राम बाग अपनी गुफ़ाओं और कपड़ों पर प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल कर पारंपरिक रूप से किये जाने वाले #BaghPrinting के लिए प्रसिद्ध है। मोहम्मद यूसुफ खत्री जैसे अनेक कारीगर यहाँ हैं जिनका यह पुश्तैनी पेशा है। #MPTourism #NayaMP
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) February 5, 2018
Video Courtesy : @oltraveller pic.twitter.com/cYLazn7X1R
मास्टर क्लास
यूसुफ खत्री ने वाकायामा शहर के म्यूज़ियम ऑफ मॉर्डन आर्ट में जाकर फाइन आर्ट के विद्यार्थियों और डेलीगेट्स को बाग प्रिंट की विशेषताओं से अवगत कराया. इसके बाद क्योटो के कोकोका क्योटो इंटरनेशनल कम्युनिटी हाउस में भी उन्होंने बाग प्रिंट की मास्टर क्लास ली. साकाई शहर के मीना साकाई पार्क में भी उन्होंने स्थानीय लोगों को इस कला का प्रशिक्षण दिया, जिसे काफी सराहना मिली. प्रशिक्षण के दौरान लोगों ने बाग प्रिंट की तकनीक से रूमाल भी बनाए.
‘'बूझो तो जानें'' की इस कड़ी का सही उत्तर है, इस्माइल सुलेमानजी खत्री “बाग प्रिंट'' के लिए जाने जाते हैं। इस प्रिंटिंग का नाम बाघिन नदी के तट पर बसे बाग गांव से लिया गया है। उन्होंने लकड़ी के ब्लॉक और प्राकृतिक रंगों के साथ एक पारंपरिक हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग आरंभ की थी। pic.twitter.com/mwAUsyMRpG
— Culture Department Madhya Pradesh (@culturempbpl) July 23, 2024
कहां हुआ था आयोजन?
ओसाका से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोबे में आयोजित ‘इंडिया मेला' में तीन दिनों तक बाग प्रिंट कला का जीवंत प्रदर्शन किया गया. इस दौरान बच्चों और पर्यटकों ने बाग प्रिंट के गुर सीखे और गहरी दिलचस्पी दिखाई. जापान के लोगों ने बाग प्रिंट कला को न केवल पसंद किया, बल्कि इसके प्रति गहरी रुचि भी दिखाई. इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है.
यह भी पढ़ें : Diwali 2024: मध्य प्रदेश में 'आनंद' से मनेगा खुशियों का त्योहार, हर घर दिवाली अभियान से होगी गरीबों की मदद
यह भी पढ़ें : RIC Rewa: वाइब्रेंट विंध्य, 5वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे CM मोहन, मिलेंगी ये सौगात
यह भी पढ़ें : MP Cabinet Meeting: मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला, पॉक्सो पीड़िता के लिए 10 लाख रुपए, जल्द भरेंगे सरकारी पद
यह भी पढ़ें : Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार है जरूरी, ये मेहंदी डिजाइन बढ़ा देंगी आपकी खूबसूरती