सीहोर जिले में बीते दिनों एक मामला सामने आया था जहां जिले के खामलिया गांव में बीती रात 2 बजे एक व्यक्ति मोबाइल टावर पर चढ़ गया था. उसकी मांग थी कि उसकी बेटी को न्याय मिले और गांव के स्कूल में व्यवस्था सुधरे. इसी को लेकर शख्स मोबाइल टॉवर पर चढ़ गया था. बताया जाता है कि कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ने से युवक की बेटी की मौत हो गई थी. मामले में युवक का कहना है कि उसकी बच्ची की मौत सही इलाज न मिल पाने की वजह से हुई है. इसी कड़ी में युवक आज न्याय पाने के लिए सीहोर कलेक्टर कार्यालय की दहलीज पर आकर बैठ गया. लेकिन लेकिन कोई अधिकारी उससे मिल नहीं रहा है.
बेटी की मौत से निराश युवक
जानकारी के मुताबिक, खमालिया गांव में रहने वाला मुकेश मेवाडा कुछ दिन पहले ग्राम में स्थित मोबाइल टावर पर चढ़ गया था. उसकी मांग थी कि उसकी बेटी की मौत हुई है. उसे मामले में जांच कर उसे मौत का कारण बताया जाए. मुकेश उस समय प्रशासन से अनुरोध करने के लिए मोबाइल टावर पर चढ़ गया था. जिसके बाद वह मोबाइल टावर से इस शर्त पर उतरा कि उसकी सभी मांगे मान ली जाएगी. मुकेश ने बताया कि पुलिस ने अंतिम संस्कार स्थल से अस्थियां इकट्ठी की है और उसकी जांच करके बच्ची की मौत का कारण पता किया जाएगा.
कलेक्टर दफ्तर की बाहर बैठा युवक
इसी मामले में 4 दिन बाद भी उसकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह आज कलेक्टर कार्य में पहुंचा और कलेक्टर कार्यालय की दहलीज पर बैठ गया है. मामले में युवक का कहना है कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही है और उसकी बेटी को न्याय नहीं मिल पा रहा है. मुकेश खेती किसानी करके अपने और परिवार का जीवन यापन करता हैं. मुकेश के कुल तीन बच्चे हैं जिनमें 7 वर्षीय परी, 9 वर्षीय अनुष्का और 13 साल का अंशु का नाम शामिल है. बताया जा रहा है कि सबसे छोटी परी (7) गांव के ही सरकारी स्कूल में कक्षा दूसरी में पढ़ती है. शनिवार को वह नियमित रूप से स्कूल गई थी. इसी दौरान भोजन करने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई.
स्कूल में बिगड़ी बच्ची की तबीयत
बताया जा रहा है कि बच्ची को स्कूल में उल्टियां होने लगी तो वह लगभग 3:30 बजे अपने घर आ गई. घर आने के लगातार बाद भी उसकी तबीयत बिगड़ती गई तो उसके पिता उसे जिला चिकित्सालय ले गए. वहां पर डॉक्टर गौरव ताम्रकार ने बच्ची का चेकअप किया और कुछ जांच भी कराई. जांच में कुछ इन्फेक्शन सामने आया लेकिन इससे पहले की बच्ची का पूरा इलाज होता उसकी मौत हो गई. मुकेश मेवाडा ने बताया कि वह लगातार दौरा थाने जाकर पुलिस से गुहार कर रहा था कि उसकी बेटी की मौत की जांच की जाए लेकिन जांच नहीं की गई.
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