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तैयार हो रहा था गुणवत्ता विहीन पोषण आहार, सच ऐसे आया सामने; अब एक्शन मोड पर कलेक्टर

Nutrition Diet : पोषण आहार में की जारी रही कालाबाजारी का सच सामने आने के बाद कलेक्टर ने इस मामले पर संज्ञान लिया है. बता दें, आंगनबाड़ी केंद्रों और गर्भवती महिलाओं के लिए गुणवत्ता विहीन पोषण आहार सप्लाई हो रहा था.

तैयार हो रहा था गुणवत्ता विहीन पोषण आहार, सच ऐसे आया सामने; अब एक्शन मोड पर कलेक्टर
पोषण आहार निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं.

Rewa collector : बाजार से घटिया सामान खरीदकर, भरी अनियमितता की जा रही है. मामला पहाड़िया पोषण केंद्र का है. यहां बने पोषण आहार को खाकर गर्भवती महिलाओं के गर्भ को किस तरीके से पोषण मिलेगा या कुपोषण मिलेगा. वायरल वीडियो देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो ने पोषण आहार की वास्तविकता की पोल खोल कर रख दी है.

वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि पोषण आहार बनाए जा रहे, खाद्यान्न की क्वालिटी क्या है? और किस तरह बनाया जा रहा है .इस पूरे मामले की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने कलेक्टर से की है. कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल जांच कराकर कड़ी कार्रवाई की बात कह रही हैं.

मानक के विपरीत पोषण आहार बनाया जा रहा था

रीवा संभाग का पोषण संयंत्र केंद्र ,जो कि रीवा जिले के पहड़िया रीवा में संचालित हो रहा है. पूरे संभाग में इसी पोषण केन्द्र से सामान सप्लाई होता है .वायरल वीडियो में साफ तौर से नजर आ रहा है. घोर वित्तीय अनियमितता, बड़े पैमाने पर व्यापक व गुणवत्ता विहीन मानक के विपरीत पोषण आहार यहां पर तैयार किया जाता है.

शिकायतकर्ता ने लगाया ये आरोप

शिकायतकर्ता का आरोप है कि शासन के नियमों को दरकिनार करते हुए, अपने निजी लोभ लालच में सामग्री लोकल व्यापारियों से खरीदी जाती है. माना जा सकता है, निम्न गुणवत्ता वाला पोषण आहार संयंत्र में तैयार किया जा रहा है. पोषण आहार निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, जिसमे मिलावट की जा रही है.

जिसका सेवन करने वाले बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे कई बीमारियां पैदा हो सकती है. एफ.सी.आई द्वारा निर्धारित गेहूं चावल की मात्रा को बढ़ाने के लिए, बाजार से खराब माल गेहूं, चावल खरीदा जाता है. जिसका कोई लिखित दस्तावेज उपलब्ध नहीं होता.

जांच दल के गठन की मांग

आजीविका मिशन द्वारा लोडिंग अनलोडिंग कार्य को नियुक्त ठेकेदार से न कराकर, संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्य किया जाता है. जिसमे आवंटित राशि से अधिक दुगना व्यय करके, कार्य कराया जाता है. यह पोषण आहार जीवन से संबंधित है, बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण आहार से संबंधित होने के कारण, बड़ी सावधानी से बनना चाहिए. शिकायतकर्ता  का कहना है,कलेक्टर उच्च स्तरीय जांच दल गठित कर जांच कराए.

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