MP Patwari Vacancy 2022: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पटवारी का फाइनल रिजल्ट आने के बाद अभ्यर्थियों को नौकरी देने का सिलसिला जारी है. इस बीच पटवारी की नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे एक युवक को अफसरों ने नौकरी देने के बजाय उसके खिलाफ एफआईआर करवादी. दरअसल, 2022 के पटवारी परीक्षा में पास हुए परीक्षार्थियों के दस्तावेज सत्यापन के दौरान एक युवक के दस्तावेज फर्जी पाए गए. उसने नकली विकलांगता प्रमाण पत्र (disability certificate) बनवाकर खुद को विकलांग बताते हुए पटवारी परीक्षा (MP Patwari Exam) में न केवल भाग लिया, बल्कि परीक्षा पास भी कर ली, लेकिन जब प्रमाण पत्रों की जांच हुई, तो उसकी विकलांगता की पोल खुल गई.
इसके बाद जब युवक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह हर हाल में पटवारी बनना चाहता था. इसलिए, उसने जाली विकलांगता प्रमाण पत्र बनवाया. इसके लिए बाकायदा उसने भारी-ऊपकम खर्च भी किया. हालांकि, ऐन वक्त पर उसकी जालसाजी पकड़ी गई और वह पटवारी बनने से महरूम रह गया. इसके साथ ही प्रशासन ने उसके इस फर्जीवाड़े की वजह से उसके खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज करा दिया है. युवक श्योपुर जिले का रहने वाला बताया जाता है.
ऐसे उटा जालसाजी से पर्दा
पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 में चयनित अभ्यार्थियों के दस्तावेज परीक्षण किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में शिवपुरी में भी समिति की ओर से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पिछले दिनों 31 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का परीक्षण किया गया, जिनमें एक अभ्यर्थी हंसराज मीणा ने मल्टी डिजीज श्रेणी का अपना दिव्यांग सर्टिफिकेट जांच समिति के समक्ष प्रस्तुत किया. समिति के सदस्यों को प्रमाण पत्र पर संदेह लगने पर दिव्यांग प्रमाण पत्र के सत्यापन एवं पुष्टि के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शिवपुरी की अध्यक्षता में गठित चिकित्सा जांच समिति की ओर भेजा. जांच के बाद सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला मुरैना ने बताया कि अभ्यर्थी हंसराज मीणा का दिव्यांग प्रमाण पत्र मुरैना से जारी नहीं किया गया है. इसके बाद अभ्यर्थी की ओर से फर्जी निशक्तता प्रमाण पत्र लगाकर अनैतिक तरीके से शासकीय नौकरी लेने की कोशिश के आरोप में धारा 420 के तहत आरोपी हंसराज मीणा के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी गई.
अब जाना पड़ेगा जेल
युवक का सपना था कि सरकारी नौकरी हासिल कर लेने के बाद वह खूब मौज मस्ती करेगा, लेकिन उसने जो रास्ता चुना, वह उसे रास्ता मौज मस्ती करने लायक बनाने के बजाय न्यायालय के कटघरे में पहुंचा दिया है.