Jain Voters in Madhya Pradesh: जबलपुर में जैन समाज बीजेपी से नाराज है. पूर्व राज्य मंत्री शरद जैन की टिकट कटना इस नाराजगी की हालिया वजह है. वहीं जैन तीर्थों सम्मेद शिखर और गिरनार जी पर अतिक्रमण का मुद्दा लंबे समय से प्रभावी है. इसी बीच जबलपुर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा फुहारा के पास स्थित एक प्रतिष्ठान में जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. बैठक में अमित शाह ने जैन समाज को आश्वस्त किया कि बीजेपी उनके हर स्थानीय और तीर्थ के मुद्दे पर उनके साथ खड़ी है.
'नाराजगी छोड़ बीजेपी का साथ दें'
बैठक के दौरान अमित शाह ने इस बात का भी प्रयास किया कि जैन समाज की तात्कालिक नाराजगी को दूर किया जाए. शाह ने समाज को यह भी याद दिलाया कि बीजेपी ने ही उनके समाज को जबलपुर में लंबे समय तक पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया. यहां तक कि राज्य मंत्री के पद पर भी शरद जैन 5 साल तक रहे. इस बैठक के जरिए जैन समाज की नाराजगी को दूर करने का प्रयास बीजेपी की ओर से किया गया है. बता दें कि जबलपुर की उत्तर मध्य सीट पर 20 हजार से ज्यादा जैन वोट हैं. अब देखना यह होगा कि अमित शाह की यह कोशिश कितनी कारगर साबित होती है और मतदान में जैन समाज किस ओर नजर आता है.
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20 साल तक जैन समाज को ही दिया टिकट
बीजेपी ने जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा में साल 2003 से शरद जैन को ही टिकट दिया. साल 2018 का चुनाव भी शरद जैन महज 526 मतों से पराजित हुए थे. इस बार उन्हें टिकट मिलने का पूरा भरोसा था लेकिन बीजेपी ने यहां से पूर्व बीजेवायएम प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे को टिकट दे दिया. टिकट के ऐलान के बाद पार्टी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ और मारपीट की घटना ने पार्टी आलाकमान तक को उलझन में डाल दिया था.
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प्रधानमंत्री ने भी की जैन वोटों को साधने की कोशिश
जैन तीर्थ क्षेत्र गिरनार जी शिखरजी और अन्य क्षेत्रों पर हो रहे कब्जे और अतिक्रमण के साथ अनेक महत्वपूर्ण लोगों की ओर से दिए जा रहे गलत बयान से जैन समाज राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी से नाराज है. यह माना जाता है कि जैन समाज सदैव भारतीय जनता पार्टी का परंपरागत वोटर रहा है लेकिन इस बार लगातार हो रही उपेक्षा के चलते कई जैन समितियों ने बीजेपी से दूरी बना ली है और कई जगह बीजेपी को वोट न करने की अपील भी जारी की गई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों डोंगरगढ़ में विराजमान आचार्य विद्यासागर महाराज जी मुनि महाराज के दर्शन कर 30 मिनट एकांत में चर्चा की और आशीर्वाद प्राप्त किया था. प्रधानमंत्री ने यह जताने की कोशिश की थी कि भारतीय जनता पार्टी जैन समाज के साथ है. उसके तुरंत बाद सिवनी की सभा में जैन आचार्य विद्यासागर महाराज का उल्लेख करते हुए नजदीकियां भी जाहिर की थीं.