
Amit Shah News: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता क्षेत्र में ढेर सारी संभावनाएं हैं.
शाह ने कहा कि इन संभावनाओं के शत–प्रतिशत दोहन करने के लिए ढेर सारे काम करने की जरूरत है. वर्षों से सहकारिता आंदोलन मृतप्राय होता जा रहा था. कुछ राज्यों में ये आंदोलन गति पकड़ चुका है तो कुछ जगह संपूर्ण विनाश भी हुआ है. इसका मूल कारण था कि समय के साथ कानूनों में बदलाव होना चाहिए था वो नहीं हो पाया.
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर समग्रता की दृष्टि से हर राज्य की विभिन्न परिस्थितियों को एक स्थान पर रखकर केन्द्रीय स्तर पर सहकारिता के विकास में कोई विचार नहीं हुआ. इसका कारण था कि सहकारिता के क्षेत्र का कोई मंत्रालय ही देश में नहीं था.
पीएम मोदी ने लाया सहकारिता आंदोलन में सकारात्मक बदलाव
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने सहकारिता आंदोलन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है. हम संविधान की मर्यादा में रहकर कार्य करने वाले लोग हैं. आज भी सहकारिता राज्यों का ही विषय है. केन्द्र सरकार का सहकारिता मंत्रालय राज्य सरकारों को इस आंदोलन में एक मंच पर लाने का कार्य कर रहा है. जब आपकी नीयत साफ हो और परिश्रम करने की भावना हो, तो परिणाम भी सकारात्मक आते हैं. प्राइमरी सोसाइटी को सशक्त करने वाले मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर, राज्यों ने देश के सहकारिता क्षेत्र में नई जान फूंकने का कार्य किया है. इसलिए, मैं सभी राज्यों का धन्यवाद देता हूं.
एमपी सरकार को दी बधाई
शाह ने कहा, “मैं मध्य प्रदेश सरकार को बधाई देता हूँ कि उन्होंने पैक्स के कम्प्यूटरीकरण में पूरे भारत में सबसे पहले कार्य किया है. बीज की खेती पहले केवल बड़े किसान ही कर सकते थे, लेकिन हमने ढाई एकड़ की जोत वाले किसानों को भी बीज उत्पादन का अवसर प्रदान किया है. बीजों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य 'बीज कॉपरेटिव' करेगी. इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में साढ़े पाँच करोड़ लीटर, यानी देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत दुग्ध उत्पन्न होता है. जब किसान खुले बाजार में दुग्ध बेचने जाता है, तो उसका शोषण होता है. हमारा प्रयास है कि किसान सहकारी डेयरी के माध्यम से दुग्ध बेचें, ताकि उसका शुद्ध लाभ केवल किसानों को ही प्राप्त हो. पूर्ण विश्वास है कि आज हुए अनुबंध के बाद मध्य प्रदेश के लगभग 50 प्रतिशत ग्रामों में सहकारी समितियों का निर्माण होगा, ताकि हमारे किसान भाई-बहनों और पशुपालकों को शीघ्र लाभ मिल सके. सहकारिता क्षेत्र में विस्तार के लिए, मध्य प्रदेश के साथ, प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है.