भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी) आगामी विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश के किले को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. इसको लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने खुद कमान संभाल ली है. दरअसल, अमित शाह रविवार, 20 अगस्त को ग्वालियर पहुंचे और पूरे संभाग के जिला अध्यक्षों के साथ बातचीत की. शाह ने इस दौरान अपने जिला अध्यक्षों से दो टूक शब्दों में कहा कि अगर आप लोगों ने वर्किंग ठीक नहीं कि तो वह पिछली बार की तरह इस बार भी संभाग से जीतना मुश्किल हो जाएगा. बता दें कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में अब महज कुछ ही महीने शेष बचे हैं. ऐसे में भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए रणनीति में कई बदलाव किए हैं.
बीजेपी ने रणनीति में किए कई बदलाव
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को ग्वालियर पहुंचे थे. ग्वालियर-चम्बल में बीजेपी हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है. दरअसल, साल 2018 में बीजेपी को ग्वालियर-चम्बल से तगड़ा झटका लगा था और उसकी सरकार चली गई थी. ऐसे में इस बार भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए पूरी कमर कस ली है. वहीं, इस बार भाजपा प्रदेश की चुनाव प्रबंध समिति की कमान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपी गई है जो इसी इलाके से आते हैं.
कार्यसमिति की बैठक में अमित शाह ने सिंधिया और उनके समर्थकों के बढ़ते दबदबे से नाराज और निराश बैठे पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की भी कोशिश की. सूत्रों की मानें तो अमित शाह की पहल से ही बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक ग्वालियर में रखी गई, ताकि इसके जरिए माहौल बनाया जा सके. शाह खुद इस बैठक में आए और लीक से हटकर उन्होंने यहां अत्यंत ही भावुक भाषण दिया. उन्होंने पार्टी के संघर्ष की जर्नी याद कराई. ठाकरे, राजमाता और अटल जी के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि हम प्रत्याशी नहीं चुनाव चिन्ह के साथ चुनाव लड़कर यहां तक पहुंचे हैं.
जिला अध्यक्षों की कार्यशैली से खफा दिखे शाह
गृहमंत्री अमित शाह की नजर ग्वालियर चम्बल संभाग को लेकर कितनी पैनी है इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वह यहां से जुड़े फीडबैक को अपने साथ लेकर आए थे. उन्होंने ग्वालियर-चम्बल संभाग के सभी आठ जिलों के शहर और ग्रामीण अध्यक्षों और कुछ पुराने नेताओं से मिलने के लिए एयरपोर्ट के समीप स्थित एक होटल में बैठक की. हालांकि इस दौरान बैठक से मीडिया को दूर रखा गया. इतना ही नहीं अन्य अनापेक्षित किसी पार्टी नेता को भी इस बैठक में शामिल नहीं किया गया.
अटल सभागार में आयोजित प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भावनात्मक भाषण देने वाले अमित शाह जब जिला अध्यक्षों से मिलने पहुंचे तो उनके तेवर एकदम बदले हुए थे. वो जिला अध्यक्षों की वर्किंग से असंतुष्ट दिखे और उनके तेवर तल्ख दिखे. सूत्रों की मानें तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर आप लोगों की कार्यशैली ऐसी ही रही तो ग्वालियर-ृचम्बल संभाग जीतना पार्टी के लिए मुश्किल हो जाएगा. इसे बदलें, काम मे गति लाएं उससे ही चुनाव जीता जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि आप लोग काम मजदूर की तरह नहीं करें, बल्कि परिश्रम के साथ करें. उन्होंने यह बात मतदान केंद्रों के लिए तय किए गए 15 बिंदुओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कही.
जीत के लिए दिए टिप्स
मध्यप्रदेश में यह पहला मौका था जब अमित शाह ने सीधे जिले के पदाधिकारियों से रूबरू होकर उनसे बातचीत की. इस दौरान उन्होंने यह भी माना कि उनकी पार्टी के लिए लोगों में नाराजगी है, लेकिन यह नाराजगी न तो सरकार से है और न संगठन से बल्कि यह व्यक्तियों से है और व्यक्तिगत है. हालांकि इस दौरान अमित शाह ने पार्टी के प्रचार अभियान को गति देने के लिए कई प्रमुख टिप्स भी दिए-
1. अमित शाह ने कहा कि हमें अपनी संगठनात्मक शक्ति संपर्क पर फोकस करना होगा, क्योंकि सिर्फ योजनाओं से जीत नहीं मिलेगी बल्कि संपर्क से भी मिलेगी.
2. ग्वालियर-चम्बल पर ज्यादा ध्यान दें. यहां कांग्रेस भ्रम फैला रही है कि इस इलाके में बीजेपी की हालत खराब है. जनता को सच्चाई बताकर इस भ्रम को खत्म करें.
3. पन्ना प्रमुखों से अमित शाह ने कहा कि वो बीमा एजेंट्स की तरह काम करें. साथ ही अपने क्षेत्र के लोगों से निरंतर संपर्क रखें और फीडबैक तुरंत आलाकमान तक पहुंचाए.
4. उन्होंने कहा कि वो संगठन वाली पार्टी के कार्यकर्ता हैं. दिल बड़ा करके काम करें. जनता की नाराजगी सरकार से नहीं बल्कि आकांक्षाएं पूरी न होने के कारण व्यक्ति विशेष से होती है.