
Sarva Pitru Amavasya Date And Time: पितृ पक्ष में हम सब अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनका तर्पण करते हैं. कोई किसी तीर्थ स्थल, तो कोई अपने घर पर ही पितरों की मंगल कामना के लिए विशेष पूजा -पाठ करते हुए तर्पण करता है.पितृ पक्ष में तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व है. धार्मिक ग्रंथों की मानें तो सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष की समाप्ति का संकेत है. इसमें पितरों की विदाई की जाती है. इस पवित्र दिन को सर्वपितृ अमावस्या या महालया के नाम से भी जाना जाता है. सर्वपितृ अमावस्या पितृ पक्ष के समाप्ति का समय होता है. इसके बाद मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है.
ये है सर्व पितृ अमावस्या तिथि और समय
तिथि: 2 अक्टूबर 2024, दिन बुधवार
समय: तिथि आरंभ: 09:39 अपराह्न, 1 अक्टूबर
अमावस्या तिथि समाप्त: 12:18 पूर्वाह्न, 3 अक्टूबर
जानें तर्पण मुहूर्त
सर्व पितृ अमावस्या को लेकर तीन मुहूर्त हैं, जिसका नाम कुतुप मुहूर्त, सुबह 11:47 बजे से दोपहर 12:35 बजे तक. रोहिणा मुहूर्त दोपहर 12:35 बजे से 01:24 बजे तक और अपराह्न काल दोपहर 01:24 बजे से 03:48 बजे तक
रहेगा. ये समय तर्पण के लिए शुभ माना गया है.
सर्व पितृ अमावस्या का महत्व
हर एक व्यक्ति के तीन प्रमुख ऋण होते हैं, जिसमें देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण के नाम हैं. जीवन को शांतिमय और सुखमय जीने के लिए इन तीनों ऋणों से मुक्ति जरूरी है. इसलिए सर्व पितृ अमावस्या पर देव ऋण, ऋषि ऋण और पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध, अनुष्ठान जैसे कार्यक्रम करना चाहिए. गरीबों और पंडितों को भोजन कराना चाहिए. दान-पुण्य का कार्य करना चाहिए. सर्व पितृ अमावस्या पर, भक्त जल्दी उठते हैं, स्नान करते हैं और पारंपरिक पोशाक पहनते हैं, जिसमें धोती और कुशा घास से बनी अंगूठी शामिल होती है.
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आशीर्वाद लेते हुए करें विदाई
सबसे बड़ा बेटा आम तौर पर श्राद्ध अनुष्ठान करता है, जिसमें पितरों को पिंड दान - चावल, तिल और जौ के गोले - चढ़ाया जाता है. सात्विक, शुद्ध शाकाहारी व्यंजन, प्रसाद के रूप में तैयार किए जाते हैं, जिसमें खीर अनिवार्य रूप से शामिल होती है. भक्त पीले रंग के कपड़े पहनते हैं, जो पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है.तर्पण, पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान कराने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए. इसके बाद अंतिम पितरों से आशीर्वाद लेते हुए उनकी विदाई और शांति के लिए भगवान से प्रार्थना करना चाहिए.
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