विज्ञापन

Agriculture Technology: भोपाल में इजरायली तकनीक से कर रहे हैं एवोकाडो फार्मिंग, जानिए सक्सेस स्टोरी

Avocado Farming: भारत में इजरायली तकनीक से खेती शुरू करने के लिए पहले तो हर्षित गोधा ने इजरायल की एवोकाडो इंडस्ट्री पर लंबे समय तक रिसर्च की उसके बाद खेती की बारीकियों को जानने के लिए उन्होंने कई लोगों से संपर्क किया और अपनी इंटर्नशिप आधी छोड़ इजरायल चले गए.

Agriculture Technology: भोपाल में इजरायली तकनीक से कर रहे हैं एवोकाडो फार्मिंग, जानिए सक्सेस स्टोरी

Advanced Farming Technology: भोपाल में जन्मे हर्षित गोधा (Harshit Godha) ने कुछ साल लंदन (London) में रहकर बीबीए (BBA) की पढ़ाई पूरी की है. खुद काफी फिटनेस फ्रीक हैं, इसीलिए एवोकाडो (Avocado) उनकी रोजमर्रा के डाइट में शामिल रहता था. वहीं भोपाल में इजरायली तकनीक (Israel Agricultural Technology) से एवोकाडो फार्मिंग (Avocado Farming) करने का विचार हर्षित को तब आया जब उन्हें भारत में कहीं हाई क्वालिटी फ्रूट नहीं मिल पाया था. इजरायल से खास तौर पर खेती के गुण सीख कर आए गोधा, अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में 15 एकड़ की ज़मीन पर उच्च क्वालिटी के एवोकाडो उगा रहे है.

सोर्स फ्रॉम इजरायल देखकर सोर्स फ्रॉम भोपाल

हर्षित गोधा फिटनेस फ्रीक हैं. एक बार छुटि्टयां में भारत आने पर उन्होंने पाया कि यहां मिल रहे एवोकाडो लो क्वालिटी होने के साथ महंगे बिक रहे हैं. वहीं दिन लंदन में जब उन्होंने एवोकाडो के पैकेजिंग पर "सोर्स फ्रॉम इजरायल" टैग देखा तो उन्हें इसकी खेती भोपाल में करने का विचार आया. दोनों देशों में समान तापमान के चलते इजरायली तकनीक द्वारा भारत में यह खेती करना संभव था.

कहां से सीखे खेती के गुण

भारत में इजरायली तकनीक से खेती शुरू करने के लिए पहले तो हर्षित गोधा ने इजरायल की एवोकाडो इंडस्ट्री पर लंबे समय तक रिसर्च की उसके बाद खेती की बारीकियों को जानने के लिए उन्होंने कई लोगों से संपर्क किया और अपनी इंटर्नशिप आधी छोड़ इजरायल चले गए. यहां सुबह 5 से 10 बजे तक फार्म पर समय बिताते थे और दोपहर में मेंटर के साथ इंडस्ट्री एक्सपर्ट से मुलाकात करते थे. यह दिनचर्या उनकी एक महीने तक चली.

इजरायल से मंगवाए पौधे

भारत में हाई क्वालिटी एवोकाडो फार्मिंग के लिए उन्होंने इजराइल से कंसलटेंट को बुलाकर भोपाल में मौजूद मिट्टी की जांच करवाई. इसराइल से पौधे मंगवाने की प्रक्रिया उन्होंने 2019 से ही शुरू कर दी थी पर कोरोना वायरस (COVID-19) के चलते इनकी डिलीवरी संभव नहीं हो पाई. इसके बाद मार्च 2023 में पहली प्लाटिंग हुई.

क्या अलग है एवोकाडो खेती में?

बाकी बगीचे की खेती से ज्यादा फर्क इसमें नहीं होता है. हालांकि इसकी खेती में हर दिन फर्टिलाइजर की थोड़ी खुराक देनी पड़ती है. हर पौधे के बीच स्पेस का ध्यान रखना जरूरी है, 3.5 मीटर दूरी पर पौधे लगाए तो वहीं 7 मीटर की दूरी पर इनकी पंक्ति रहे. वॉटर सॉल्युबल फर्टिलाइजर होने के चलते ड्रिप इरीगेशन एवोकाडो के लिए आवश्यक है. 

डिमांड में कितना इजाफा?

साल 2021 से साल 2024 में एवोकाडो के इंपोर्ट में में साढ़े चार सौ प्रतिशत का इजाफा हुआ है. कोविड के बाद लोग हेल्थ कॉन्शियस होते जा रहे हैं और हेल्दी फ्रूट अपनी डाइट में शामिल करने लगे हैं.

यह भी पढ़ें : Wayanad Landslides: मौत आंकड़ा 23 के पार, बचाव कार्य में जुटी सेनाएं, IMD ने जारी किया बारिश का अलर्ट

यह भी पढ़ें : Kheti ki Khabar: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने किसानों को इन फसलों के लिए 100% खरीद का दिया आश्वासन

यह भी पढ़ें : Monsoon Trips: पचमढ़ी में इन जगहों का जरूर लें मज़ा, मॉनसून है घूमने का परफेक्ट समय

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
शिवराज मामा के बड़े बेटे की इस दिन होगी सगाई, कार्तिकेय-अमानत की जोड़ी के लिए केंद्रीय मंत्री ने मांगा आशीर्वाद
Agriculture Technology: भोपाल में इजरायली तकनीक से कर रहे हैं एवोकाडो फार्मिंग, जानिए सक्सेस स्टोरी
public representatives who saved the lives of 42 children were honored on the initiative of the CM, but no action has been taken against the responsible officers
Next Article
Dhar News: 42 बच्चों की जान बचाने वालों का हुआ सम्मान, पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कौन मेहरबान!
Close