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Scholarship Scam: इसलिए आपके खाते में नहीं आती स्कॉलरशिप? MP में सामने आया 76.25 लाख रुपए का छात्रवृत्ति घोटाला

Scam In Scholarship: साल 2019 से 2023 तक सागर जिले के शासकीय कॉलेज में तैनात तीन प्राचार्यों पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज की छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति में से 76.25 लाख रुपए हड़प लिए.खुलासे के बाद विभाग ने एक जांच टीम गठित कर 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने का अल्टीमेटम दिया है.

Scholarship Scam: इसलिए आपके खाते में नहीं आती स्कॉलरशिप? MP में सामने आया 76.25 लाख रुपए का छात्रवृत्ति घोटाला
76.25 lakhs Scholarship scam exposed in Sagar district

Sagar Scholarship Scam: सागर जिले में कॉलेज की पात्र छात्राओं को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाली छात्रवृत्ति योजना में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. जिले के शासकीय कॉलेज के तीन प्राचार्यों पर आरोप लगा हैं कि उन्होंने छात्राओं की छात्रवृत्ति राशि में भ्रष्टाचार कर 76.25 लाख रुपए हड़प लिए. 

साल 2019 से 2023 तक सागर जिले के शासकीय कॉलेज में तैनात तीन प्राचार्यों पर आरोप है कि उन्होंने कॉलेज की छात्राओं को मिलने वाली छात्रवृत्ति में से 76.25 लाख रुपए हड़प लिए.खुलासे के बाद विभाग ने एक जांच टीम गठित कर 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने का अल्टीमेटम दिया है.

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तीन सालों में जिले की 964 पात्र छात्राओं को नहीं मिली छात्रवृत्ति

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में जिले की पात्र छात्राओं में से 964 छात्राएं को छात्रवृत्ति नहीं मिली है. साल 2019 में 365 पात्र छात्राओं में से केवल एक छात्रा विनीता पिता माखन लोधी बीएससी संकाय को छात्रवृत्ति मिली, जबकि 364 छात्राओं को मिलने वाली 18.20 लाख की छात्रवृत्ति राशि नहीं मिली.

सरकार छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए देती है छात्रवृत्ति

गौरतलब है सरकार छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति देती है, लेकिन कई बार छात्रों की छात्रवृत्ति अचानक बंद हो जाती है. छात्रवृत्ति रुकने से छात्र हैरान-परेशान होते हैं, लेकिन उसका हल नहीं निकल पाता है. सागर जिले में 76.25 लाख रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले ने छात्रों की छात्रवृति अटकने के सारे सवालों के जवाब एक साथ दे दिए हैं.

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साल 2020 में 327 पात्र छात्राओं को 16.35 लाख रुपए और साल 2021 में 273 पात्र छात्राओं को 13.65 लाख की छात्रवृत्ति नहीं मिली. इस तरह पिछले तीन साल में छात्रों को मिलने वाली कुल 76.25 लाख रुपए की छात्रवृत्ति राशि की हेराफेरी तीनों प्राचार्यों द्वारा की हुई.

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सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद आनन-फानन में दी गई छात्रवृत्ति

घोटाला कॉलेज में कम्प्यूटर ऑपरेटर रहे नीलेश खरे, पिता राजाराम खरे, दादा प्रेमनारायण खरे द्वारा 27 लोगों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति का पैसा डालकर किया गया. छात्रवृत्ति की राशि नहीं मिलने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर करने के बाद आनन-फानन में जनभागीदारी के खाता से साल 2023 तक छात्रवृत्ति बैंक खातों में भुगतान किया गया.

छात्रवृत्ति की 76.25 लाख रुपए के घोटाले को तीनों प्राचार्य ने बहुत ही चालाकी से अंजाम दिया. उन्होंने एक-एक खाते में एक ही समय पर कई बार 5-5 हजार का भुगतान किया. जबकि नियमानुसार एक छात्रा को एक साल में केवल 5000 ही दिए जाने थे.

गठित जांच टीम को 3 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के दिए गए निर्देश

मामले पर उच्च शिक्षा अतिरिक्त संचालक डॉ. रेखा बरेठिया का कहना है कि उक्त मामले में कलेक्ट्रेट कार्यालय से उनके पास एक पत्र आया है. पत्र मिलते ही उन्होंने इस मामले में जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया है और इस टीम को 3 दिनों के भीतर जांच का प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए गए हैं.

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