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Bhindi Ki Kheti: भिंडी से बदली किस्मत! धान के मुकाबले डबल कमाई, किसान ने बताया खेती का फार्मूला

Okra Farming: देवी प्रसाद बताते है कि भिंडी की खेती करने से उन्हें धान की खेती के मुकाबले करीब दोगुनी आय होती है. धान की खेती अगर 30 डिसमिल में करते हैं, तो इसमें 6 क्विंटल धान होगी. इसकी कीमत अगर 2300 रुपए प्रति क्विंटल मान लिया जाए, तो 6900 रुपए की ही होगी. वहीं, इतनी जगह में भिंडी की खेती करते हैं, तो करीब इतने समय में 15 हजार से ज्यादा की आय हो सकती है.

Bhindi Ki Kheti: भिंडी से बदली किस्मत! धान के मुकाबले डबल कमाई, किसान ने बताया खेती का फार्मूला
Bhindi Ki Kheti: धान के मुकाबले दोगुनी कमाई

Bhindi Ki Kheti: मध्य प्रदेश का बालाघाट (Balaghat) जिला ऐसे तो धान उत्पादन के लिए जाना जाता है. ऐसे में इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है. वहीं, अब जिले में ऐसे यहां पर रबी में धान की खेती भी की जा रही है. लेकिन एक ऐसा किसान भी है, जो रबी में भी भिंडी (Bhindi Ki Kheti) सहित दूसरी सब्जियों की खेती कर रहा है. दरअसल बालाघाट जिले से करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित खुरपूड़ी गांव के रहने वाले देवी प्रसाद कावरे बीते दस साल से भिंडी की खेती कर रहे हैं. वह अपने खेत पर भिंडी की खेती कर रहे है. फरवरी में इसकी रोपाई करते है और अप्रैल में इसकी हार्वेस्टिंग शुरू कर देते हैं. इसकी खेती करने से उन्हें सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि उनकी नियमित आमदनी होती रहती है. ऐसे में उन्हें घर चलाने में आसानी होती है.

धान की खेती से दोगुनी आय भिंडी से

देवी प्रसाद बताते है कि भिंडी की खेती करने से उन्हें धान की खेती के मुकाबले करीब दोगुनी आय होती है. धान की खेती अगर 30 डिसमिल में करते हैं, तो इसमें 6 क्विंटल धान होगी. इसकी कीमत अगर 2300 रुपए प्रति क्विंटल मान लिया जाए, तो 6900 रुपए की ही होगी. वहीं, इतनी जगह में भिंडी की खेती करते हैं, तो करीब इतने समय में 15 हजार से ज्यादा की आय हो सकती है. वहीं, धान में एकमुश्त पैसा आता है लेकिन भिंडी में लगातार पैसा आते रहता है. ऐसे में किसानों की भिंडी की आय दिखाई नहीं देती है.

मई-जून के बाद गिरती है भिंडी की कीमत

देवी प्रसाद बताते है कि भिंडी का दाम अप्रैल में अच्छा मिलता है. इसमें करीब 40 रुपए किलो तक कीमत मिलती है लेकिन मई के दूसरे पखवाड़े के बाद इसकी कीमतों में गिरावट भी आने लगती है, जो 10 रुपए किलो तक पहुंच जाती है. लेकिन तब तक पहले भिंडी लगाने वाले किसान लाभ कमा चुके होते हैं.

भिंडी की पूरी तरह आधुनिक खेती

देवी प्रसाद भिंडी की खेती पूरी तरह आधुनिक खेती करते हैं. बुआई से पहले ही भूमि को अच्छी तरह तैयार करते हैं. इसमें वह भूमि को मिट्टी पलट हल से जोत लेते है. इसके बाद मिट्टी को भुरभुरा करने रोटावेटर चलाते है और फिर पडलर की मदद से भूमि को समतल करते है. इसके बाद बेड और क्यारियां भी बनाते हैं. इससे भूमि खेती के लिए पूरी तरह तैयार हो जाती है.

मल्चिंग से फसल को मिलता है फायदा

देवी प्रसाद ने बीज की बुआई से पहले ही पॉलीथिन से मल्चिंग कर ली थी. इसके बाद उन्होंने उसमें छेद कर बीज बोए. इसका उन्हें बेहद खास फायदा मिला. मल्चिंग से खरपतवार नहीं आए, जिससे निराई-गुड़ाई में लगने वाली लागत में भी शुन्य हो गई. वहीं, मल्चिंग से नमी संरक्षण का भी काम हुआ, जिससे बार-बार सिंचाई की जरूरत भी नहीं पड़ी. अब भिंडी की तुड़ाई भी शुरू हो चुकी है. देवी प्रसाद और उनका परिवार ग्लव्स पहनकर भिंडी की तुड़ाई कर हर सप्ताह अच्छी कमाई कर रहा है. 


 

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