
किन्नर विवाद में आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी की एंट्री हो गई है. आचार्य त्रिपाठी ने दो गुटों में चल रहें विवाद को लेकर एनडीटीवी से चर्चा की. बताया कि उन्हें गद्दी के कारभार संभालने के लिए चयनित किया गया है, क्योंकि सब परेशान हो चुके हैं. राजा हाशमी, सचिन सोनकर के वकील और सपना हाजी के वकील ने परेशान कर रखा है. सपना हाजी एक गुट बनाकर चलती है और नंदलालपुरा के किन्नरों को धमकाने का काम करती आई है.
राजा हाशमी ने कई किन्नरों के घुटने भी तोड़े थे. राजा हाशमी ढोलक वाला है, लेकिन जबलपुर में 10 करोड़ से भी अधिक की प्रॉपर्टी है. आचार्य त्रिपाठी का कहना है कि अब हम झुकेंगे नहीं. हमारी आवाज के लिए लड़ाई करेंगे और नंदलालपुरा के प्राचीन किन्नरों की गद्दी उसे दूषित नहीं होने देंगे.
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि किन्नरों को उनका हक मिले और इंसाफ हो. भाजपा नेताओं और विधायकों से भी अपील है कि हमें न्याय मिले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो. उन्होंने आगे कहा कि 2 लोग झूठ बोल सकते हैं 300 नहीं.
किन्नरों का विवाद क्या है?
इंदौर के इन किन्नरों का विवाद साल 2009 से चल रहा है. सपना हाजी और दुर्गा हाजी ने पायल और मोईन हत्याकांड करवाया था. डेरे के अंदर गोलियां भी चली थीं. मोईन की मौके पर ही मौत हो गई थी. पायल गुरु को 9 गोलियां और 6 चाकू लगे थे. उनका उपचार 2 महीने चला. बाद में इन लोगों को उम्र कैद हुई, लेकिन सपना हाजी बच गई. सपना लगातार प्रताड़ित करती रही और कमाई का पूरा हिस्सा लेती रही.
दो दर्जनों ने पिया फिनाइल
इस मामले में फर्जी पत्रकारों के किन्नरों के साथ के जुल्म-सितम और धमकियां बढ़ने पर सब्र का बांध टूट गया और एक साथ दो दर्जन किन्नरों ने फिनाइल पीकर खुद को मौत के मुंह में डालने का प्रयास किया. यह पीड़ा खुद किन्नरों ने बयां की. इंदौर के नंदलालपुरा क्षेत्र में बुधवार देर रात किन्नर समुदाय के कई लोगों ने साथ में फिनाइल पी लिया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई. नंदलालपुरा डेरे के एक कमरे में उन्होंने सामूहिक आत्महत्या का प्रयास किया. इसके बाद सभी किन्नर सड़क पर पहुंचकर हंगामा करने लगे.