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PHE विभाग ने किया कमाल! डिंडौरी की पहाड़ी पर बसे गांव में पहुंची नल जल योजना, 300 फीट की ऊंचाई पर गया पानी

Nal Jal Yojana in Dindori: पहाड़ी के ऊपर बसे पथरकटा गांव में करीब 55 घर हैं और यहां की आबादी 300 के करीब है. इस गांव के ग्रामीणों का कहना है कि नलजल योजना शुरू नहीं होने के पहले तक गर्मी के मौसम उन्हें बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज रहना पड़ता था. लेकिन अब हालात कुछ और हैं.

PHE विभाग ने किया कमाल! डिंडौरी की पहाड़ी पर बसे गांव में पहुंची नल जल योजना, 300 फीट की ऊंचाई पर गया पानी
Nal Jal Yojana in Dindori: पीएचई का कमाल

Dindori News: एक तरफ भीषण गर्मी के इस मौसम में डिंडौरी जिले के कई ग्रामों में जलसंकट के हालात बने हुए हैं तो वहीं डिंडौरी जिले में ही कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां नल जल योजना (Nal Jal Yojana) के जरिये लोगों को घर घर शुद्ध पानी मिल रहा है. NDTV ने शहपुरा तहसील के ऐसे दो गांवों का रियालिटी चेक किया है, जहां नलजल योजना शुरू नहीं होने के पहले एक बाल्टी पानी के लिए लोग जान की बाजी लगाने के लिए मजबूर थे. सबसे पहले NDTV की टीम करीब 300 फ़ीट ऊंचे पहाड़ी पर स्थित पथरकटा गांव पहुंची, जहां नल जल योजना के जरिये ग्रामीणों को घर घर शुद्ध पेयजल मिल रहा है.

पथरकटा गांव की कहानी

पहाड़ी के ऊपर बसे पथरकटा गांव में करीब 55 घर हैं और यहां की आबादी 300 के करीब है. इस गांव के ग्रामीणों का कहना है कि नलजल योजना शुरू नहीं होने के पहले तक गर्मी के मौसम उन्हें बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज रहना पड़ता था. गांव के पास मौजूद एकमात्र कुएं की तलहटी में जमा पानी के लिए जान जोखिम में डालना पड़ता था या फिर पहाड़ी से दो किलोमीटर दूर गांव से पानी लाना पड़ता था, तब कहीं जाकर उनकी प्यास बुझ पाती थी. इस गांव तक नल जल योजना के जरिये पानी पहुंचाने के लिए पीएचई विभाग के अमले ने दिन-रात एक किया, तब कहीं जाकर ग्रामीणों को जल संकट से निजात मिल पाई.

आपको यह जानकर हैरानी होगी की पहाड़ी के ऊपर बसे इस पथरकटा गांव में नलजल योजना में सिर्फ 19 लाख रूपये खर्च हुए हैं, जबकि नलजल योजना के लिए गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर बोर किया गया है और पहाड़ी के बीच संपवेल बनाया गया है. इसी संपवेल के पास ट्रांसफार्मर भी लगाया गया है.

नलजल योजना से पानी मिलने के बाद ग्रामीण बेहद खुश तो नजर आ रहे हैं, लेकिन नलजल योजना का मेंटनेंस ग्राम पंचायत द्वारा नहीं किये जाने को लेकर उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की है. ग्रामीणों ने बताया की नल जल सुचारु रूप से चलाने के लिए वे आपस में चंदा जुटाते हैं, जिससे वे बिजली का बिल एवं ऑपरेटर का भुगतान करते हैं.

ऐसी है सचौली की रिपोर्ट

पथरकटा के बाद NDTV की टीम पहुंची सचौली गांव, जहां जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के जरिये ग्रामीणों को घर घर शुद्ध पानी मिल रहा है. ये सचौली गांव भी ड्राई एरिया में आता है. इस गांव में हैंडपंप, कुएं व तालाब गर्मी आने से पहले ही सूख जाते हैं. इस गांव में नल जल योजना के लिए करीब चार किलोमीटर दूर बोर किया गया और कुछ दूरी पर संपवेल का निर्माण कर पानी की सप्लाई की जा रही है. नल जल योजना शुरू नहीं होने के पहले यहां के वाशिंदे भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसने को मजबूर रहते थे. यहां के लोग बताते हैं की पानी की किल्लत के कारण सचौली गांव में युवाओं की शादी होना तक बंद हो गई थी. नल जल योजना से मिलने के बाद अब ग्रामीण काफी खुश नजर आ रहे हैं.

अधिकारियों का क्या कहना है?

शहपुरा तहसील में पी एच ई विभाग के एस डी ओ गगन कुम्हरे ने NDTV को बताया की पथरकटा और सचौली गांव के ग्रामीण काफी दिनों से पानी की समस्या से जूझ रहे थे और इन दोनों गांव में पानी का स्रोत नहीं होने की वजह से हैंडपंप सफल नहीं हो पाते थे तब नल जल योजना की स्वीकृति मिलने के बाद सुनियोजित तरीके से गांव तक पानी पहुंचाने में कामयाबी मिल पाई.

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