A woman from MP went missing 18 years ago: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में करीब 18 साल पहले लापता हुई 50 वर्षीय महिला (Woman Missing For 18 Years) ने उच्च न्यायालय (MP Hight Court) को बताया कि वो अपने पति के दुर्व्यवहार के कारण उसे छोड़कर चली गई थी, जिसके बाद अदालत ने उसके पति पर इस बात की अच्छी तरह जानकारी होने के बावजूद याचिका दायर करने के लिए जुर्माना लगाया. महिला को इस सप्ताह की शुरुआत में अदालत में पेश किया गया. महिला ने बुधवार को अदालत को बताया कि उसे अपनी जान बचाने के लिए 2006 में अपने दो बेटों के साथ घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
2006 में बालाघाट से लापता हुई थी महिला
वकील एस डी गुप्ता ने बताया कि महिला के पति नंदकिशोर राहंगडाले ने पुलिस को उसकी पत्नी को खोजने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका में दावा किया गया था कि महिला और उसके दो बेटे, जिनकी उम्र उस समय 13 और चार साल थी वो 18 अप्रैल, 2006 को बालाघाट जिले के खरपड़िया गांव से लापता हो गए थे.
महिला और बच्चों को खोजने के लिए विशेष जांच दल का किया गया गठन
उच्च न्यायालय ने बालाघाट पुलिस को महिला और बच्चों को खोजने का आदेश दिया जिसके बाद बालाघाट के पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने एक विशेष जांच दल का गठन किया, जिसने महिला के रिश्तेदारों सहित लगभग 70 लोगों से संपर्क किया और वो उसे खोजने में सफल रहे. महिला को जबलपुर में उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया गया.
पति की क्रूरता के कारण घर छोड़कर चली गई थी महिला
महिला ने अदालत को बताया कि वह इसलिए घर छोड़कर गई थी क्योंकि उसका पति उसे और बच्चों को पीटता था. उसने कहा कि भागने के तुरंत बाद उसके छोटे बेटे मुकुंद की मौत हो गई. उच्च न्यायालय ने उसके आरोपों पर गौर किया. न्यायमूर्ति विशाल धगत ने सात अगस्त को सुनाए आदेश में कहा, ‘याचिकाकर्ता की पत्नी ने इस अदालत को बताया कि उसका पति उसे और उसके बेटों को बेरहमी से पीटता था, इसलिए उसने 2006 में उसका घर छोड़ दिया.'
कोर्ट ने पति पर लगाया 10,000 रुपये के जुर्माना
आदेश में कहा गया, ‘याचिकाकर्ता की पत्नी द्वारा दिए गए बयान पर विचार करने के बाद, याचिका को 10,000 रुपये के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है. याचिकाकर्ता उक्त तथ्यों और क्रूरता किए जाने की बात से अच्छी तरह वाकिफ है.'
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