Children Missing from City: शनिवार की दोपहर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन में एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की, जिसमें शराब बनाते हुए 60 नाबालिक बच्चे मिले थे. इसपर तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष भोपाल चले गए थे. जब शाम तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और बच्चे गायब होने की जानकारी लगी, तो आयोग के अध्यक्ष उमरावगंज थाने पहुंचे. उन्होंने कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी, तबतक बैठे रहेंगे. आयोग अध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर कार्रवाई नहीं करने एवं फैक्ट्री एवं मौजूदा प्रशासन पर बच्चे को भगाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. पूरे मामले का संज्ञान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिया है.
क्या है मामला
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने मीडिया को बताया कि सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री से 60 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे. जिला प्रशासन को अवगत कराया. उसी समय यहां के पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया. उसमें लिखा था बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए एसडीएम के समक्ष बयान कराए जाएं. दुर्भाग्य पूर्ण ढंग से बात यह है 7:30 बजे तक किसी भी बच्चों के बयान नहीं कराए गए. फैक्ट्री वालों ने मौजूदा प्रशासन अमले के साथ मिलकर बच्चों को वहां से भगा दिया. रेस्क्यू किए गए एक भी बच्चों के बारे में हमें नहीं पता है. बाद में बता दिया जाएगा कि बालिग हैं. जिला प्रशासन ने बेशर्मी के साथ चार-पांच घंटे का इंतजार किया.
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सीएम ने लिया संज्ञान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया. उन्होंने लिखा, 'पूरा मामला मेरे संज्ञान में है. यह मामला बेहद गंभीर है. इस संबंध में श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की है और समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'
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