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महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए मजदूरों ने सुनाई आपबीती, एक महीने तक 16 लोगों को रखा गया था कैद!

Katni Labour: महाराष्ट्र में कुल 24 घंटे तक यातना झेलने के बाद मध्य प्रदेश पहुंचे सभी मजूदर कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र के बताए जा रहे हैं. कलेक्ट्रेट पहुंचे सभी 16 मजदूरों ने बताया कि 500 रु दिहाड़ी की बात कह कर उन्हें महाराष्ट्र के बीड जिले में ले जाया गया था, लेकिन बंधक बना लिया.

महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए मजदूरों ने सुनाई आपबीती, एक महीने तक 16 लोगों को रखा गया था कैद!
MPs 16 Labour Turned Hostage

MPs 16 Labour Turned Hostage: महाराष्ट्र में मजूदरी करने गए मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों को बंधक बनाने और जबरन काम कराने का मामला सामने आया है. 500 रुपए तय दिहाड़ी का सब्जबाग दिखाकर महाराष्ट्र में गन्ना कटाई के लिए लेकर गए ठेकेदार ने कुल 24 घंटे तक मजदूरों को कैद में रखा और फिर परिजनों द्वारा 28,000 रुपए चुकाने के बाद उन्हें घर वापस आने के लिए रिहा किया गया.

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महाराष्ट्र में कुल 24 घंटे तक यातना झेलने के बाद मध्य प्रदेश पहुंचे सभी मजूदर कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र के बताए जा रहे हैं. कलेक्ट्रेट पहुंचे सभी 16 मजदूरों ने बताया कि 500 रु दिहाड़ी की बात कह कर उन्हें महाराष्ट्र के बीड जिले में ले जाया गया था, लेकिन बंधक बना लिया.

कलेक्ट्रेट पहुंचे मजदूरों ने बताया कि महाराष्ट्र में बंधक बनाने वालों ने उनके परिजनों द्वारा 28 हजार रुपए देने के बाद उन्हें छोड़ा गया, जिसके बाद सोमवार को वो अपने घर लौट सके. महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए मजदूरों की व्यथा सुनने के बाद डिप्टी कलेक्टर ने मामले में कार्यवाही का आश्वासन दिया है.

पीड़ित मजदूर हरि सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र में गन्ना कटवाने को कहकर ले जाया गया था, जिसमें 500 रु प्रतिदिन देने की बात कही गई थी, लेकिन वहां पहले काम कराया गया और मारने की धमकी दी गई, जिसके बाद 28 हजार रु की मांग की गई. जब सभी के घरवालों ने 28000 रु खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए तब उन्हें जाने दिया गया.

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महाराष्ट्र के बीड जिले में गन्ना काटने के लिए बुलाकर बंधक बनाए गए 16 मजदूरो ने जिला कलेक्टर को बताया कि, घर से उसके मोबाइल में 1600- 1600 रुपए सभी मजदूरों के घरवालों ने भेजकर कुल 28 हजार रु जमा करके के ठेकेदार को दिए, तब जाकर उन्हें घर आने को मिला है. 

पीड़ित मजदूर शिव सिंह गौड़ ने बताया कि वह गन्ना काटने के लिए गए था और सुबह 7 बजे से 9 बजे तक काम करते थे, जिसमें 5 सौ रु देने की बात कही गई थी, जब एक महीने हो गया तो कहा कि और काम करो, घर जाने की बात को लेकर मारने की धमकी दी जाती थी.

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पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉ. ए के खान ने मामले पर भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें मजदूरों को मजदूरी देने की बजाय उनसे वसूली की गई, मामले पर डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि, ग्राम कुम्हरवारा से हरि सिंह, कमलेश सिंह सहित अन्य लोग आए थे, जिसमें बताया कि उन्हें महाराष्ट्र के मोटेगांव में बंधक बना लिया गया था.

कलेक्टर ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरी के लिए महाराष्ट्र ले जाए गए मजदूरों ने काफी दिन तक काम किए, लेकिन बिना राशि दिए उन्हें वापस किया गया. यहां तक कि घर वापस जाने के लिए उनसे पैसे लिए गए. कलेक्टर ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह अनुचित है और शिकायत के आधार पर एसपी और लेबर ऑफिसर को कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं. 

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