Harda Firecracker Factory Blast: मृतकों के लिए 15-15 लाख मुआवजे का ऐलान, लेकिन घायलों को मुआवजा देना भूल गए. जानिए पूरा मामला ?

Harda Factory Blast Compensation: 6 फरवरी, 2024 में हरदा स्थित पटाखा फैक्टरी में हुए जबर्दस्त ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हादसे में 60 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा था, जिसकी क्षतिपूर्ति भी अभी तक पीड़ितों को नहीं मिल सका है. 

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Harda Firecracker Factory Blast Compensation

Harda Fircracker Factory Blast Case: बहुचर्चित हरदा पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट केस में मृतकों व घायलों के मुआवजे को लेकर अजीबोगरीब मामला सामने आया है. फिलहाल, फैक्टरी ब्लास्ट में मारे गए मृतकों के लिए मुआवजे की घोषणा कर दी गई, लेकिन 50 से अधिक घायलों की सुध नहीं ली गई है. मामले पर सोमवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और कोर्ट ने मृतकों को 15-15 लाख  मुआवजा देने का निर्देश दिया है, लेकिन घायलों का मुआवजा टल गया.

MP में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के अवकाश पर लगा प्रतिबंध, 26 जनवरी तक नहीं ले सकेंगे छुट्टी!

6 फरवरी, 2024 में हरदा स्थित पटाखा फैक्टरी में हुए जबर्दस्त ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. हादसे में 60 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा था, जिसकी क्षतिपूर्ति भी अभी तक पीड़ितों को नहीं मिल सका है. 

हादसे को 10 माह गुजरे, लेकिन पीड़ितो को नहीं मिला मुआवजा

गौरतलब है हरदा फैक्टरी ब्लास्ट हादसे को करीब 10 माह गुजर चुके हैं, लेकिन अभी तक मृतकों और घायलो को मुआवजा नहीं दिया गया है. मुआवजे को लेकर जब पीड़ितों ने आवाज उठाया तो फैक्टरी मालिक हाईकोर्ट पहुंच गए और घायलो के मुआवजे की राशि के वितरण को लेकर सवाल उठाए. 

कोर्ट ने घायलों के मुआवजे का मुद्दा एनजीटी में उठाने की दी छूट

जबलपुर हाईकोर्ट में प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सर्राफ की युगलपीठ ने फैक्टरी मालिक सोमेश अग्रवाल व राजेश अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैक्टरी मालिकों को यह छूट प्रदान की है कि वे घायलों, संपत्ति नुकसान व अन्य मदों के लिए तय मुआवजे को लेकर एनजीटी में आपत्ति उठा सकते हैं.

हरदा ब्लास्ट मृतकों को 15-15 लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश

हरदा फैक्टरी मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अभी केवल मृत्यु के मामलों में ही मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं, लेकिन घायलों की सुध नहीं ली. हाई कोर्ट की युगलपीठ ने घायलों व संपत्ति नुकसान पीड़ितों के मुआवजे के मुद्दे को एनजीटी में उठाने की छूट दी है और एनजीटी को उनके मुआवजे को लेकर अंतिम आदेश जारी करने के कहा है.

Advertisement

अमेरिका में होगा भव्य राम मंदिर का निर्माण, 5 एकड़ में बनेगा, इस तारीख को बनकर होगा तैयार

हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब घायलों-पीड़ितों के वर्गीकरण, संपत्ति व मकानों के नुकसान, विस्थापन के लिए भुगतान की जाने वाली राशि पर आपत्ति उठाने का अधिकार मिल गया है. सुनवाई के बाद एनजीटी कानून के अनुसार उस पर विचार करने के बाद अपना आदेश सुनाएगी.

फैक्टरी मालिकों की संपत्ति की नीलामी कर मुआवजे की राशि जुटाएं

रिपोर्ट के मुताबिक हरदा पटाखा फैक्टरी ब्लास्ट के बाद एनजीटी ने घटना के दिन ही आदेश पारित किया था कि हादसे में मृतकों, घायलों और संपति का नुकसान झेलने वालों को मुआवजा वितरित किया जाए. एनजीटी ने प्रशासन को आदेश दिया था कि फैक्टरी मालिकों की संपत्ति की नीलामी कर मुआवजे की राशि जुटाएं.

एनजीटी के आदेश को फैक्टरी मालिकों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी

एनजीटी के आदेश को फैक्टरी मालिक सोमेश अग्रवाल व राजेश अग्रवाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी. याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि घटना के दिन एनजीटी ने आदेश दे दिया, जबकि घटना के दिन घायलों और संपत्ति नुकसान का आकलन भी नहीं हुआ था. उन्होंने दलील में यह भी कहा कि कई लोग गलत तरीके से मुआवजा का दावा कर रहे हैं.

Advertisement

ये भी पढ़े-MP में अब नेत्रहीन करेंगे ड्राइविंग और दृष्टिहीन बुझाएंगे आग, नगरपालिका ने नेत्रहीनों से मांगे आवेदन

ये भी पढ़ें-पैरोल पर छूटा कैदी हुआ रफूचक्कर, रेप केस में सेंट्रल जेल में काट रहा था उमक्रैद की सजा