
World Radio Day 2025: हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियाे दिवस (World Radio Day) मनाया जाता है. चाहे घर हो, यात्रा हो अथवा कोई अन्य स्थान हो, रेडियो (Radio) लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग बना रहता है. लोगों को आपस में जोड़ने का यह एक अद्भुत माध्यम है. रेडियो सकारात्मकता साझा करने के साथ-साथ उन लोगों को पहचानने का एक बड़ा माध्यम हो सकता है जो दूसरों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने में सबसे आगे हैं. रेडियो द्वारा श्रोताओं को अपने कार्यस्थल से लेकर विश्व के किसी भी हिस्से में घट रही घटनाओं और हो रहे परिवर्तनों की जानकारी रखने का त्वरित अवसर प्राप्त होता है. पीएम मोदी (PM Modi) के मन की बात कार्यक्रम से भी रेडियो को नई पहचान मिली है.
रेडियो दिवस की कब से हुई शुरुआत? World Radio Day History
साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इसे मनाने की घोषणा की थी. साल 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर अपनाया गया. वहीं 13 फ़रवरी, 1946 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने रेडियो की स्थापना की थी. इतिहास पर नजर डालें तो दुनिया में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 24 दिसंबर, 1906 को हुई थी.
रेडियो संवाद के लिए एक मंच का निर्माण करता है. वैश्विक स्तर पर, रेडियो सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला माध्यम बना हुआ है. व्यापक दर्शकों तक पहुंचने की इस अनूठी क्षमता का मतलब है कि रेडियो समाज के विविधता के अनुभव को आकार दे सकता है, सभी आवाज़ों को बोलने, प्रतिनिधित्व करने और सुनने के लिए एक क्षेत्र के रूप में खड़ा हो सकता है.
इस साल की थीम क्या है? World Radio Day 2025 Theme
13 फरवरी, 2025 को विश्व रेडियो दिवस "रेडियो और जलवायु परिवर्तन" (Radio and climate change) को समर्पित है, ताकि इस मुद्दे पर पत्रकारिता कवरेज में रेडियो स्टेशनों को समर्थन दिया जा सके. रेडियो एक कम लागत वाला माध्यम है, जो विशेष रूप से दूरदराज के समुदायों और कमज़ोर लोगों तक पहुँचने के लिए उपयुक्त है, यह लोगों के शैक्षिक स्तर की परवाह किए बिना सार्वजनिक बहस में हस्तक्षेप करने के लिए एक मंच प्रदान करता है. यह आपातकालीन संचार और आपदा राहत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
रेडियो समुदायों को एक साथ लाने और बदलाव के लिए सकारात्मक संवाद को बढ़ावा देने के लिए अद्वितीय रूप से स्थित है. अपने दर्शकों की बात सुनकर और उनकी ज़रूरतों पर प्रतिक्रिया देकर, रेडियो सेवाएँ उन चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक विचारों और आवाज़ों की विविधता प्रदान करती हैं जिनका हम सभी सामना करते हैं.
विश्व रेडियो दिवस हमें याद दिलाता है कि रेडियो सिर्फ एक माध्यम नहीं बल्कि संस्कृतियों और समुदायों को जोड़ने वाला एक सेतु है. यह आज भी लाखों लोगों के लिए सूचना, शिक्षा और मनोरंजन का सबसे विश्वसनीय जरिया बना हुआ है.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स' पर लिखा कि “रेडियो एक सशक्त माध्यम है जो दुनिया भर के लोगों को जोड़ता है। यह जानकारी देने, प्रेरित करने और मनोरंजन का एक अनोखा जरिया है.” उन्होंने रेडियो के माध्यम से समाचार, संस्कृति, संगीत और कहानियों के प्रसार की सराहना की.
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि वे उनके लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” के लिए अपने सुझाव भेजें. यह कार्यक्रम 23 फरवरी को प्रसारित होगा. “मन की बात” 2014 में शुरू हुआ था. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समाज और देश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हैं और जनता की राय को महत्व देते हैं.
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