विश्व गठिया दिवस 2023 : मानव शरीर में कई तरह के हड्डियों के जोड़ होते हैं जो दो या उससे अधिक हड्डियों को जोड़ने का काम करते हैं. हमारे जीवन में इनके स्वास्थ्य का बड़ा ही महत्त्व है. जोड़ों में दर्द या कुछ अन्य समस्याओं के कारण हमारी दिनचर्या में बाधा आती है. कई बार जोड़ों के दर्द के कारण हम अपने काम को करने में असमर्थ हो जाते हैं. दुनियाभर में करोड़ों लोग गठिया रोग से परेशान हैं. यह रोग घुटनों में दर्द और अकड़न पैदा कर देता है. आमतौर पर यह रोग बुजुर्गों में पाया जाता है, लेकिन आज के दौर में बदलती जीवनशैली की वजह से यह रोग युवाओं में भी देखा जा रहा है. यहां हम बात कर रहे हैं गठिया रोग के बारे में, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है.
गठिया रोग के कुछ प्रकार
वैसे तो गठिया रोग के लगभग 100 से भी ज्यादा प्रकार हैं, लेकिन यहां हम आपको कुछ मुख्य प्रकार के बारे में बताएंगे. जिससे सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं -
1. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) (अस्थिसंधिशोथ)
यह गठिया रोग के सबसे आम रूप में गिना जाता है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ-साथ हिलने डुलने में समस्या होती है. ऑस्टियोआर्थराइटिस हमारे जोड़ों के कार्टिलेज पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. जिससे धीरे-धीरे कार्टिलेज टूटना शुरू हो जाते हैं.
2. रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) (रूमेटी संधिशोथ)
इस प्रकार के आर्थराइटिस से हमारे जोड़ों की परत को नुकसान पहुंचता है. रूमेटाइड अर्थराइटिस में शरीर की इम्युनिटी सिस्टम अपने ही शरीर के ऊतकों पर हमला कर देती है. जोड़ों की परतों को नुकसान पहुंचने की वजह से जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती हैं.
3. गाउट (Gout)
गाउट का दूसरा नाम वातरक्त भी है जो हमारे पैरों पर असर डालता है. इस तरह की परिस्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन होता है, खासतौर से पैर के अंगूठे में. पैर में अचानक दर्द होना गाउट का एक लक्षण है.
4. सेप्टिक आर्थराइटिस (Septic Arthritis)
इसे इंफेक्शियस आर्थराइटिस (Infectious Arthritis) भी कहा जाता है जो कि जोड़ों के ऊतकों और तरल पदार्थ का संक्रमण है. सेप्टिक आर्थराइटिस बच्चों में भी पाया जाता है. इसके होने के मुख्य कारण रक्षा तंत्र का कमजोर होना है.
5. एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)
इस तरह का गठिया रोग वैसे तो किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, लेकिन ज्यादातर यह रीढ़ की हड्डी में होता है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति को आराम करते समय या रात को सोते समय भी कमर दर्द की समस्या हो जाती है.
6. जुवेनाइल इडियोपैथिक आर्थराइटिस (Juvenile Idiopathic Arthritis)
यह एक ऐसे प्रकार का गठिया रोग है जो बच्चों में पाया जाता है. ऐसी अवस्था में हाथ, घुटनों, टखनों, कोहनियों, और कलाई में दर्द या सूजन की शिकायत देखने को मिलती है. हालांकि यह शरीर के अन्य अंगों पर भी अपना प्रभाव डाल सकता है.
7. रिएक्टिव आर्थराइटिस (Reactive Arthritis)
इस तरह के गठिया रोग में व्यक्ति के जोड़ों, आंखों, त्वचा और मूत्रमार्ग प्रभावित होते हैं. आमतौर पर रिएक्टिव आर्थराइटिस का प्रभाव 20 से 40 वर्ष के लोगों के बीच में दिखाई देता है और ज्यादातर पुरुषों में इसकी समस्या देखने को मिलती है.
गठिया रोग से बचाव के तरीके
आपने कई ऐसे व्यक्तियों को देखा होगा जो प्रॉपर डाइट को अपने जीवन में महत्व देते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो यह एक्टिविटी आपको गठिया रोग जैसी समस्याओं से दूर रख सकती है. प्रॉपर डाइट के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल, ये दो ऐसे माध्यम हैं जिन्हें अपनाने से आप कई परेशानियों से दूर रह सकते हैं.
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