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Surya Grahan 2024 : पितृ अमावस्या के दिन लगेगा सूर्य ग्रहण! जानिए इसके मायने

कई लोगों में मन में ये सवाल है कि क्या आज का ग्रहण भारत में नज़र आएगा? साथ ही इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और किन चीजों का परहेज करना ज़रूरी है? आइए आपको बताते हैं : 

Surya Grahan 2024 : पितृ अमावस्या के दिन लगेगा सूर्य ग्रहण! जानिए इसके मायने
Surya Grahan 2024 : पितृ अमावस्या के दिन लगेगा सूर्य ग्रहण! जानिए इसके मायने

Surya Grahan 2024 : आज बुधवार 2 अक्टूबर को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा. भारत के समय के अनुसार, ये ग्रहण रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और रात 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. लेकिन हमारे देश भारत में सूर्य ग्रहण को लेकर कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं. कुछ लोग इसे अशुभ मानते हैं और इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने से बचते हैं. वहीं, कुछ स्थानों पर ग्रहण के बाद स्नान और पूजा करने की भी परंपरा है. ऐसे में कई लोगों में मन में ये सवाल है कि क्या आज का ग्रहण भारत में नज़र आएगा? साथ ही इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है और किन चीजों का परहेज करना ज़रूरी है? इस खबर में आपको बुधवार देर रात लगने वाले ग्रहण से जुड़ी हर एक जानकारी मिलेगी.

क्या भारत में भी आएगा नज़र ?

इस ग्रहण का प्रभाव दक्षिण अमेरिका के उत्तरी हिस्सों में स्पष्ट रूप से देखा जाएगा. ये ग्रहण भारत एक किसी भी हिस्से में नहीं देखा जाएगा लेकिन कई देश जैसे कि अर्जेंटीना, बेका आइलैंड, न्यू चिली और ब्राजील के लोग लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना को देख सकेंगे. बता दें कि आज सर्वपितृ अमावस्या भी है. धार्मिक ग्रंथों की मानें तो सर्व पितृ अमावस्या पितृ पक्ष की समाप्ति का संकेत है. इसमें पितरों की विदाई की जाती है. ऐसे में इस सूर्यग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास तौर से ध्यान रखना चाहिए. इस दौरान आप क्या करें और क्या नहीं, इसे लेकर हम आगे बात करेंगे.

कैसे लगता है सूर्यग्रहण ?

दरअसल, सूर्य ग्रहण जब भी होता है सिर्फ अमावस्या के दिन ही होता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है. लेकिन हर अमावस्या को सूर्य ग्रहण नहीं होता क्योंकि चंद्रमा की कक्षा थोड़ी तिरछी होती है. 

सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और सूर्य की रोशनी को कुछ समय के लिए ढक देता है, तब सूर्य ग्रहण होता है. इस दौरान जहां चंद्रमा की छाया पड़ती है, वहां आकाश में सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से छिप जाता है. 2 अक्टूबर को होने वाला यह ग्रहण वलयाकार होगा. ये ग्रहण मुख्य तौर पर मीन राशि में लगेगा.

सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं:

1. पूर्ण सूर्य ग्रहण
2. वलयाकार सूर्य ग्रहण
3. आंशिक सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण के दौरान अपनाएं ये उपाय

मान्यता है कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने इष्ट देव का स्मरण करना चाहिए और मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही, सूर्य देव के मंत्रों का भी उच्चारण करना शुभ माना जाता है जिससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम होगा. गर्भवती महिलाएं अपनी लंबाई के बराबर धागा लेकर उसे घर के किसी कोने में रखें और ग्रहण समाप्त होने के बाद उस धागे को बहते जल में प्रवाहित करें. ये ऐसा अचूक उपाय है जिसे करने से घर की महिलाएं और बच्चे सभी सुरक्षित होते हैं.

गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां

ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर जाने से बचना चाहिए और सूर्य को सीधे नहीं देखना चाहिए. इसके अलावा, सुई-धागे से जुड़े किसी कार्य को भी नहीं करना चाहिए. रसोई में खाना-बनाना या सब्जी काटना जैसे काम भी नहीं करने चाहिए. साथ ही भूलकर भी मंदिर में पूजा करने से बचना चाहिए. जब सूर्यग्रहण चल रहा हो तो ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बिस्तर पर नींद लेने से बचना चाहिए. इससे माता और बच्चा दोनों के शरीर व दिमाग पर बुरा असर पड़ सकता है.

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ग्रहण के समय ये काम न करें:

प्रचलित मान्यताओं की मानें तो ग्रहण के दौरान कुछ खाने-पीने से बचना चाहिए और कोई भी शुभ कार्य या मंगल कार्य की शुरुआत नहीं करना चाहिए. ग्रहण पूरा होने के बाद स्नान करके ही भोजन बनाना चाहिए. इस समय भगवान का स्मरण करना शुभ माना जाता है और सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने की गलती कभी नहीं करनी चाहिए. सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखना काफी हानिकारक हो सकता है. ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें सीधे आंखों पर पड़ने से आंखों की रौशनी जाने का डर बना रहता है. इसलिए सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खास तरह के चश्मे या टेलीस्कोप का इस्तेमाल करना चाहिए.

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Disclaimer: (यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है. )

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