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This Article is From Jan 08, 2024

Makar Sankranti 2024: इसीलिए बनाई जाती है मकर संक्रांति पर खिचड़ी, ऐसे हुई थी शुरुआत

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन जो खिचड़ी बनाई जाती है. उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है खिचड़ी में प्रयोग होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से हैं, उड़द की दाल का संबंध शनिदेव से हैं.

Makar Sankranti 2024: इसीलिए बनाई जाती है मकर संक्रांति पर खिचड़ी, ऐसे हुई थी शुरुआत

Makar Sankranti Khichdi: नए साल के पहले पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का हिंदू धर्म में बहुत खास महत्व है. इस दिन सूर्य ग्रह मकर राशि में प्रवेश करता है और मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन सूर्य और शनि देव का भी मिलन होता है. धार्मिक मान्यताओं की मानें तो, इस दिन खिचड़ी खाने और दान देने का विशेष महत्व है... लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस वजह से मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2024) के दिन खिचड़ी खाई और खिलाई जाती है? दरअसल, इसके पीछे की दिलचस्प कहानी है, जो हम आपको बताने जा रहे हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की परंपरा कैसे शुरू हुई...

खिचड़ी में प्रयोग अनाज का है खास संबंध

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन जो खिचड़ी बनाई जाती है. उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है खिचड़ी में प्रयोग होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से हैं, उड़द की दाल का संबंध शनिदेव से हैं. हल्दी का संबंध गुरु देव से हैं और हरी सब्जियों का संबंध बुध देव से होता है. इसके अलावा घी का संबंध सूर्यदेव से है. इस वजह से भी मकर संक्रांति की खिचड़ी का खास महत्व है.

खिचड़ी दान करने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं की मानें तो मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने के साथ किसी ब्राह्मण को दान भी देना चाहिए. इस दिन उन्हें घर बुलाकर खिचड़ी खिलाएं और ब्राह्मणों को कच्ची दाल, चावल, हल्दी, नमक, हरी सब्ज़ियों का दान करें. कहा जाता है कि खिचड़ी खाने से सेहत अच्छी रहती है और रोग मुक्त जीवन मिलता है. ब्राह्मणों को दाल खिचड़ी दान करने से दान देने वाले व्यक्ति को ऊर्जा प्राप्त होती है.

ऐसे हुई खिचड़ी बनाने की शुरुआत

कहा जाता है कि खिलजी से युद्ध के दौरान नाथ योगी बहुत कमजोर हो गए थे और भूख के कारण सभी की तबियत खराब होने लगी थी. गोरखनाथ ने उस समय सब को दाल, चावल और सब्जी एक साथ पकाकर खिलाया, इससे नाथ योगियों को बहुत ऊर्जा मिली और उनकी स्वास्थ्य में सुधार आया, कहा जाता है कि तब से ही खिचड़ी खाने और बनाने की परंपरा चली आ रही है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है.)

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