
Makar Sankranti 2024 History & Significance: नए साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) होता है. मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ लोग मनाते हैं. इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा सालों से चली आ रही है, इसके लिए देश के कई शहरों में इसे पतंग पर्व भी कहा जाता है. इस त्योहार पर लोग अपने दोस्त रिश्तेदार के साथ रंग-बिरंगी पतंग उड़ाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है और ये परंपरा कैसे प्रारंभ हुई है??
भगवान राम ने उड़ाई थी पतंग
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक महत्व है. कहा जाता है कि यह परंपरा भगवान श्रीराम के द्वारा शुरू हुई मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा प्रभु श्रीराम के समय शुरू हुई थी. तमिल की तन्नाना रामायण के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन भगवान राम ने पतंग उड़ाई थी और वो पतंग इंद्रलोक में चली गई थी, तभी से भगवान राम द्वारा शुरू की गई ये परंपरा लोग निभाते आ रहे हैं. इसी वजह से मकर संक्रांति पर पतंग उत्सव मनाया जाता है.
सेहत संबंधी फायदे
वहीं, पतंग उड़ाने के पीछे सेहत संबंधी लाभ भी है. पतंग उड़ाना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है. दरअसल, मकर संक्रांति का त्योहार जनवरी के दौरान सर्दी के सीजन में आता है. कड़ाके की ठंड के दौरान पड़ने वाले इस त्योहार पर जोरदार सर्दी रहती है. ऐसे में सुबह की धूप में पतंग उड़ाने से शरीर को विटामिन D और ऊर्जा मिलती है. आपको बता दें, धूप में सर्दियों में होने वाली स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करने की क्षमता होती है.
बच्चे रहते हैं काफी उत्साहित
इस पतंग की खुशी को आजादी और शुभ संकेत का प्रतीक माना जाता है. कई जगहों पर तो लोग इस पर्व पर तिरंगा पतंग भी उड़ाते हैं. माना जाता है कि पतंग उड़ाने से दिमाग संतुलित रहता है और दिल को खुशी का एहसास होता है. मकर संक्रांति पर बच्चों के लिए जगह-जगह मेला लगाया जाता है और बच्चे यहां आकर पतंग उड़ाते हैं और इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. वहीं, इस पर्व को मनाने की अलग-अलग परंपराएं भी है. जैसे कई लोग इस दौरान पवित्र नदियों में जाकर स्नान करते हैं. कहा जाता है कि इस दिन स्नान करने से जीवन भर के पाप धुल जाते हैं और कष्ट दूर हो जाते हैं. मकर संक्रांति पर किए गए दान का महत्व भी दोगुना माना जाता है.