Kite Festival In Ahemdabad: मकर संक्रांति का त्योहार साल का पहला त्योहार होता है और मान्यता है कि नए साल के इस पहले त्योहार (Makar Sankranti) के बाद से शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं, देश में यह त्योहार अलग-अलग तरीक़े से मनाया जाता है. वहीं सबसे प्रचलित है अहमदाबाद यानी गुजरात में होने वाला पतंग उत्सव, आइये जानते हैं, अहमदाबाद (Kite Festival) में किस तरह से पतंग उत्सव मनाया जाता है..
विदेशों से आते हैं लोग हिस्सा लेने
पतंगबाजी एक रोमांचक खेल है. यह खेल सभी उम्र के लोगों को बहुत पसंद आता है और हर कोई इसका आनंद उठाना चाहता है. गुजरात के अहमदाबाद के पतंग उत्सव में दुनिया के कई देशों से पतंगबाज हिस्सा लेने के लिए आते हैं.
पतंग में बनाई भगवान राम की आकृति
महोत्सव में लोगों ने इस बार भगवान राम की छवि वाली पतंगें भी उड़ाई, इन पतंगों पर भगवान राम की प्रतिमा रामायण के प्रसंग और जय श्रीराम लिखा हुआ था कि पतंग उड़ाने में ना सिर्फ़ बच्चे बल्कि बुजुर्ग और युवा भी शामिल हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी की शिरकत
गुजरात के पतंग महोत्सव के उद्घाटन समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शिरकत की, उन्होंने कहा कि पतंग उड़ाई एक प्राचीन परंपरा है यह परंपरा न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि भारतीय संस्कृति का भी प्रतीक है. आपको बता दे, साबरमती रिवर फ़्रंट पर चल रहे इस महोत्सव का समापन 10 जनवरी को होगा.
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पतंगबाजी का आध्यात्मिक महत्व
पतंगबाजी भारत में एक प्राचीन परंपरा है. यह परंपरा पुराने समय से चली आ रही है पतंगबाजी को मनोरंजन के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी दिया जाता है. हिंदू धर्म में बताया जाता है कि पतंगबाजी को भगवान कृष्ण के खेलों में से एक माना जाता है.
पतंगों पर बनाते हैं विभिन्न डिजाइन
पतंगबाजी के लिए भारत में विशेष प्रकार के कागज और धागे का उपयोग किया जाता है. पतंगों को विभिन्न प्रकार के डिजाइनों और आकृतियों से बनाया जाता है.