![गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चौदस तक इन बातों का रखें ध्यान, बनेंगे सभी बिगड़े काम गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चौदस तक इन बातों का रखें ध्यान, बनेंगे सभी बिगड़े काम](https://c.ndtvimg.com/2023-09/dbft556g_ganesh-chaturthi_625x300_19_September_23.jpg?downsize=773:435)
Ganesh Chaturthi : हिंदू धर्म में भगवान गणेश भगवान को विघ्नहर्ता माना गया है. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा करके किया जाए तो सारा कार्य निर्विघ्न संपन्न होता है. हम आपको बता दें कि 10 दिवसीय गणेश महोत्सव आज 19 सितंबर से शुरू हो गया है. इन 10 दिनों में बप्पा बड़ी धूमधाम से घर में विराजते हैं. अपनी इच्छानुसार व श्रद्धा से यदि अगर कोई डेढ़ दिन, तीन दिन या सात दिन के लिए गणपति की स्थापना करना चाहता है कर सकता है. ऐसे में अगर आप भी अपने घर में गणपति जी की स्थापना करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसमें आपको कुछ नियमों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.
गणेश जी की स्थापना में रखें खास ख्याल
आपको बता दें कि गणपति बप्पा की स्थापना के बाद घर एवं पूजागृह में विधि-विधान से पूजा-अर्चना करना अहम माना जाता है. जिसके बाद भगवान की आरती की जाती है. गणपति को प्रिय वस्तुएं समेत अन्य पूजा सामग्रियां अर्पित की जाती हैं. कहा जाता है कि बप्पा को मोदक व लड्डू का भोग लगाने से वह वह अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं. माना जाता है कि बप्पा भक्तों की सभी परेशानियां दूर कर देते हैं, इसलिए तो उन्हें कष्टहर्ता, विघ्नहर्ता के नाम से जाना जाता है.
तो इसलिए करते हैं गणपति स्थापित
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो, बप्पा के बारे में मान्यता है कि कष्टों और समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए घर में गणपति की स्थापना जरूर करनी चाहिए. घर में बप्पा की स्थापना करने से सुख-समृद्धि आती है. व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है. इन 10 दिनों में बप्पा को प्रसन्न करने के लिए कई ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं. इसके अलावा व्यक्ति को बप्पा का आशीर्वाद पाने के लिए अनंत चौदस के दिन गणेश चतुर्थी के गणेश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दबा है तो उसे नियमित रूप से 10 दिन तक गणेश ऋणमुक्ति स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. इससे आप जल्द ही कर्ज से मुक्त होकर जीवन की खुशियों में प्रवेश करेंगे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए एनडीटीवी किसी भी प्रकार की पुष्टि या दावा नहीं करता है.)