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Jagannath Rath Yatra 2025: पुरी में श्रद्धालुओं की सेवा में अदाणी ग्रुप; जगन्नाथ रथ यात्रा का पूरा प्लान

Jagannath Rath Yatra 2025: इस वर्ष रथ यात्रा में अदाणी ग्रुप श्रद्धालुओं और अधिकारियों को लगभग 4 मिलियन निःशुल्क भोजन और पेय उपलब्ध कराएगा. पौष्टिक भोजन वितरित करने के लिए पूरे शहर में विशेष खाद्य काउंटर स्थापित किए गए हैं, जबकि पेय पदार्थों के स्टॉल लोगों को ओडिशा की भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए ठंडे पेय उपलब्ध करा रहे हैं.

Jagannath Rath Yatra 2025: पुरी में श्रद्धालुओं की सेवा में अदाणी ग्रुप; जगन्नाथ रथ यात्रा का पूरा प्लान
Jagannath Rath Yatra 2025: अदाणी ग्रुप पुरी रथ यात्रा में भी करेगा श्रद्धालुओं की सेवा

Jagannath Rath Yatra 2025, Adani Group Seva: प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं की सेवा के बाद अदाणी ग्रुप ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह ओडिशा के पुरी की प्रसिद्ध रथ यात्रा में भी श्रद्धालुओं की सेवा करेगा. भारत के सबसे पवित्र धार्मिक आयोजनों में से एक के रूप में जानी जाने वाली पुरी रथ यात्रा में हर साल देश और विदेश से लाखों भक्त आते हैं. चेयरमैन गौतम अदाणी के विश्वास ‘सेवा ही साधना है' के मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए अदाणी ग्रुप ने 26 जून से 8 जुलाई तक चलने वाले नौ दिवसीय उत्सव के दौरान तीर्थयात्रियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को समर्थन देने के लिए बड़े पैमाने पर स्वयंसेवी पहल शुरू की है.

पहले देखिए रथ यात्रा का शेड्यूल Jagannath Rath Yatra 2025 Schedule

आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि पर भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और सुभद्रा के साथ भ्रमण पर निकलते हैं. शुक्रवार, 27 जून, 2025 को जगन्नाथ रथयात्रा का त्योहार मनाया जाएगा. दृक पंचांग के अनुसार, 27 जून को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है. सूर्योदय सुबह 5:09 और सूर्यास्त शाम 6:52 बजे होगा. विशेष समय जग के नाथ जगन्नाथ अपने भाई और बहन संग भ्रमण पर निकलेंगे.

27 जून, शुक्रवार, रथ यात्रा की शुरुआत : भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा तीन अलग-अलग भव्य रथों पर सवार होकर पुरी के जगन्नाथ मंदिर से निकलते हैं और गुंडिचा मंदिर की ओर यात्रा करते हैं. रथ पर चढ़ाने से पहले पुरी के राजा ‘छेरा पन्हारा' की रस्म निभाते हैं, जिसमें वे सोने के झाड़ू से रथ का चबूतरा साफ करते हैं.

1 जुलाई, मंगलवार, हेरा पंचमी : गुंडिचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ पांच दिन बिताते हैं. पांचवें दिन देवी लक्ष्मी नाराज़ होकर भगवान जगन्नाथ से मिलने आती हैं. यह हेरा पंचमी रस्म है.

4 जुलाई, शुक्रवार, संध्या दर्शन : गुंडिचा मंदिर में विशेष दर्शन. इस दिन भक्तजन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के दर्शन करते हैं और इसे बड़ा शुभ अवसर माना जाता है.

5 जुलाई, शनिवार, बहुदा यात्रा : भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ रथों पर सवार होकर वापस जगन्नाथ मंदिर की ओर लौटते हैं. इसे बहुदा यात्रा कहा जाता है. रास्ते में वे मौसी माँ के मंदिर रुकते हैं, जहाँ उन्हें 'पोडा पिठा' का भोग लगाया जाता है.

6 जुलाई, रविवार, सुना बेशा : भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को इस दिन स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाता है. यह भव्य श्रृंगार होता है, हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं.

7 जुलाई, सोमवार, अधरा पना : भगवानों को एक विशेष मीठा पेय 'अधरा पना' अर्पित किया जाता है, जो बड़े मिट्टी के घड़ों में तैयार होता है. इसमें पानी, दूध, पनीर, चीनी और कुछ पारंपरिक मसाले होते हैं.

8 जुलाई, मंगलवार, नीलाद्रि विजय : यह रथ यात्रा का समापन यानी अंतिम और सबसे भावनात्मक दिन होता है. इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा वापस अपने मुख्य मंदिर में लौटते हैं और गर्भगृह में पुनः स्थापित होते हैं.

अदाणी ग्रुप द्वारा 4 मिलियन निःशुल्क भोजन

इस वर्ष रथ यात्रा में अदाणी ग्रुप श्रद्धालुओं और अधिकारियों को लगभग 4 मिलियन निःशुल्क भोजन और पेय उपलब्ध कराएगा. पौष्टिक भोजन वितरित करने के लिए पूरे शहर में विशेष खाद्य काउंटर स्थापित किए गए हैं, जबकि पेय पदार्थों के स्टॉल लोगों को ओडिशा की भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए ठंडे पेय उपलब्ध करा रहे हैं.

अदाणी ग्रुप पुरी बीच लाइफगार्ड महासंघ को सहायता प्रदान करके समुद्र तट सुरक्षा प्रयासों को भी सपोर्ट कर रहा है. वालंटियर्स समुद्र तट को साफ करने और प्लास्टिक कचरे को हटाने में मदद करेंगे. ड्यूटी पर मौजूद लोगों की सहायता के लिए, समूह वालंटियर्स को मुफ्त टी-शर्ट, सफाई कर्मचारियों के लिए फ्लोरोसेंट सुरक्षा बनियान और नगरपालिका कर्मचारियों और तीर्थयात्रियों के लिए जैकेट, टोपी, छाते और रेनकोट सहित रेन गियर वितरित कर रहा है.

यह पहल पुरी जिला प्रशासन, इस्कॉन और स्थानीय सामुदायिक समूहों के साथ साझेदारी में की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, इस सेवा की योजना महीनों पहले ही शुरू हो गई थी और इसे अदाणी ग्रुप और स्थानीय समुदायों के वालंटियर्स द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है.

अदाणी फाउंडेशन, जो स्वास्थ्य सेवा, स्कूल विकास और ग्रामीण आजीविका में परियोजनाओं के माध्यम से ओडिशा में सक्रिय रहा है, इस प्रयास को भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन के प्रति व्यापक प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में देखता है.

ग्रुप से जुड़े के सूत्रों का कहना है कि कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी का यह रूप व्यवसाय और बुनियादी ढांचे से परे लोगों की आस्था और परंपराओं से सीधे जुड़ने के बारे में है.

कुंभ में ऐसे दिया सहयोग

इस साल की शुरुआत में, महाकुंभ मेले के दौरान, समूह ने लाखों तीर्थयात्रियों को भोजन और सहायता प्रदान करने के लिए इस्कॉन और गीता प्रेस के साथ भागीदारी की थी. 21 जनवरी को गौतम अदाणी ने स्वयं भोजन परोसने में भाग लिया था, जो ग्रुप की कोर वैल्यू को दर्शाता है कि सामाजिक सेवा एक बार की गतिविधि नहीं है, बल्कि एक सतत मिशन है.

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