
Gudi Padwa Kab hai: महाराष्ट्र (Maharashtra) और आसपास के क्षेत्रों में हिंदू नववर्ष को गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के रूप में मनाया जाता है. इसे हर साल चैत्र मास, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग घर की साफ-सफाई की जाती है और पारंपरिक भोजन बनाए जाते हैं. साथ ही, इस दिन लोग गुड़ी नाम की ध्वजा भी फहराते हैं. आइए आपको इसके महत्व के बारे में बताते हैं.

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गुड़ी पड़वा 2025 की तिथि
हिंदू पंचांग की मानें, तो हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जाता है. साल 2025 में ये खास तिथि 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर खत्म होगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है. इसलिए गुड़ी पड़वा का पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा.
गुड़ी पड़वा का खास महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुड़ी पड़वा के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी. प्राकृतिक रूप से देखें, तो इस पर्व को वसंत ऋतु का नई उमंग और जीवन की शुरूआत का प्रतीक माना जाता है. यह पर्व हिन्दू धर्म की परंपराओं, संस्कृति और कृषि के महत्व को समझाता है.
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गुड़ी लगाने के लिए शुभ दिशा क्या है?
गुड़ी पड़वा के दिन गुड़ी ध्वज को पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है. ऐसे इसलिए, क्योंकि इस दिशा में ही सूर्योदय होता है. इसलिए पूर्व दिशा को शुभ, उर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. हालांकि, आप गुड़ी को उत्तर-पूर्व दिशा में भी लगा सकते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार होता है.
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