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सावन का पहला सोमवार आज, भोपाल के बड़वाले महादेव मंदिर में गूंजे बाबा के जयकारे

भोलेनाथ और उनके भक्तों का प्रिय मास सावन आज से शुरू हो गया है, राजधानी भोपाल में शिवालयों पर जाकर श्रद्धालु महादेव को जल अर्पित कर रहे हैं, वही पुरानी भोपाल के प्राचीन बटेश्वर महादेव मंदिर में सुबह चार बजे से भक्तों का तांता लगा हुआ है.

सावन का पहला सोमवार आज, भोपाल के बड़वाले महादेव मंदिर में गूंजे बाबा के जयकारे
Bateshwar Mahadev Temple of Bhopal

Sawan Somwar in Bhopal: हिन्दू धर्म में सावन का बेहद ख़ास महत्व है. भोलेनाथ और उनके भक्तों का प्रिय मास सावन आज से शुरू हो गया है, राजधानी भोपाल में शिवालयों पर जाकर श्रद्धालु महादेव को जल अर्पित कर रहे हैं. वहीं पुरानी भोपाल के प्राचीन बटेश्वर महादेव मंदिर (Bateshwar Mahadev Temple of Bhopal) में सुबह चार बजे से भक्तों का तांता लगा हुआ है. भोपाल के सभी शिवालयों में बम-बम बोले के जयकारे गूंज रहे हैं और भोले बाबा के भक्त हाथ में लोटे में जल भरकर दर्शन करने और शिव जी का आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं.

हर सोमवार को किया जाएगा विशेष शृंगार

एक हफ़्ते पहले से भोपाल के बड़वाले महादेव मंदिर में सावन माह की तैयारियां की जा रही हैं. वहीं भोपाल का सुप्रसिद्ध डमरू द्ल भी सक्रिय है, आज श्रावण माह के पहले सोमवार के दिन बड़वाले महादेव का विशेष शृंगार किया जाएगा. सावन के पूरे महीने में हर सोमवार को विशेष रूप से बड़वाले महादेव को सजाया जाएगा. 

72 साल बाद बन रहा है संयोग

इस बार सावन मास में विशेष संयोग बन रहे हैं. ऐसा 72 साल बाद हो रहा है कि श्रावण मास की शुरुआत आज 22 जुलाई सोमवार से हो रही है और इसका समापन भी 19 अगस्त यानी सोमवार को ही होगा.

तीन शुभ संयोग बन रहे हैं

भगवान शिव के प्रिय महीने सावन का प्रारंभ तीन शुभ संयोगों से हो रहा है, शिव जी और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. सावन मास की शुरुआत के पहले दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं. पहले दिन सर्वार्थसिद्धि प्रीति और आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है.

बड़वाले मंदिर का है रोचक इतिहास

बड़वाले महादेव मंदिर का इतिहास 500 साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है. बड़वाले महादेव स्वयंभू विराजित हुए हैं, महादेव की उत्पत्ति बरगद के पेड़ से हुई थी और तभी से ये बड़वाले महादेव के नाम से प्रचलित हो गए.

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Disclaimer: (यहां दी गई जानकारी ज्योतिष व लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है.)

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