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Rang Panchami 2025: रंग पंचमी आज, यहां जानें शुभ मुहूर्त से महत्व तक... जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत

Rang Panchami Date 2025: रंग पंचमी कात्योहार होली के लगभग पांच दिन बाद मनाया जाता है. यह त्योहार मध्य प्रदेश, राजस्थान, मथुरा-वृन्दावन आदि में लोकप्रिय है.मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वीलोक पर आकर रंग खेलते हैं. ऐसे में यहां जानते हैं सही तारीख और शुभ मुहूर्त.

Rang Panchami 2025: रंग पंचमी आज, यहां जानें  शुभ मुहूर्त से महत्व तक... जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत

Rang Panchami 2025 Kab Hai: चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. रंग पंचमी को देव पंचमी (Dev Panchami) और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व होता है, क्योंकि कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान कृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी. इस दिन पर देवी-देवताओं को रंग-गुलाल अर्पित किया जाता है. आज पूरे देश में रंग पंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में यहां जानते हैं रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त और महत्व.

रंग पंचमी की तारीख (Rang Panchami Date 2025)

हिंदू पंचांग के अनुसार, रंग पंचमी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाई जाती है. इस साल पंचमी तिथि की शुरुआत 18 मार्च, 2025 की रात 10:09 बजे पर होगा. वहीं समापन 20 मार्च की रात 12:37 बजे होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी बुधवार, 19 मार्च 2025 को मनाई जाएगी. 

रंग पंचमी शुभ मुहूर्त (Rang Panchami Shubh Muhurt 2025)

पंचमी तिथि यानी रंग पंचमी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:51 बजे से सुबह 5:38 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त (Vijay Muhurt) दोपहर 2:30 बजे से 3:54 बजे तक रहेगा. गोधूलि काल का मुहूर्त शाम 6:29 बजे से 6:54 बजे तक है और रात्रि में निशिता काल का शुभ मुहूर्त 12:05 बजे से 12:52 बजे तक रहेगा. 

रंग पंचमी का महत्व (Rang Panchami 2025 Significance)

होली की तरह ही इस दिन भी खूब अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है और एक-दूसरे के रंग लगाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन वायुमंडल में रंग उड़ाने से या शरीर पर रंग लगाने से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक शक्तियों का संचार होता है और आस-पास मौजूद नकारात्मक शक्तियां क्षीण हो जाती हैं.

रंग पंचमी क्यों मनाया जाता है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और स्वर्ग से देवी-देवताओं ने उनपर पुष्पों की वर्षा की थी. कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है. साथ ही देवी-देवता आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं. माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन लोगों देवताओं के स्पर्श की अनुभूति होती है.

मध्य प्रदेश में धूमधाम से मनाते हैं रंगपंचमी

रंग पंचमी के त्योहार की मध्य प्रदेश में अलग ही धूम देखने को मिलती है. यहां रंग पंचमी के दिन फाग यात्रा निकाली जाती है और पारंपरगत तौर पर अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है. वहीं इंदौर में रंग पंचमी के मौके पर गेर उत्सव का आयोजन होता है. इसमें हजारों लोग एक साथ सड़कों पर उतरते हैं और टैंकरों से रंग की बारिश की जाती है. खासतौर पर राजवाड़ा, मालवा मिल और कृष्णपुरा छत्री जैसे स्थानों के आसपास यह आयोजन सबसे भव्य रूप में देखने को मिलता है. इसे फाग यात्रा भी कहा जाता है, जिसमें डीजे, ढोल-नगाड़े और बैंड-बाजों के साथ रंगों की मस्ती होती है. इंदौर क अलावा उज्जैन, महेश्वर और मालवा क्षेत्र के अन्य शहरों में भी रंग पंचमी का विशेष महत्व है.

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