
अक्षय तृतीया का पर्व नजदीक आ रहा है. यह हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है. वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाला अक्षय तृतीया का पर्व नए उद्यम शुरू करने, महत्वपूर्ण खरीदारी करने और शुभ अनुष्ठान करने के लिए अच्छा समय माना जाता है. वहीं, ज्यादातर लोग सोना खरीदते हैं. अक्षय तृतीया पर पहने वाले कपड़ों का रंग भी काफी मायने रखता है. परंपरा के अनुसार, कपड़ों का सही रंग दैवीय आशीर्वाद को आकर्षित करता है. रंग सकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करता है.
आध्यात्मिक परंपराओं में रंगों का महत्व प्रतीकवाद, ऊर्जा और मनोदशा से निहित है. हर रंग विशिष्ट देवताओं, ग्रहों और आध्यात्मिक परिणामों जुड़ा है. अक्षय तृतीया पर सही रंगों को पहनना अनुष्ठानों की शक्ति बढ़ाता है. रंग आपकी भावनाओं को भी प्रभावित करते हैं.
अक्षय तृतीया पर आप चुन सकते हैं ये रंग
सफेद (White): पवित्रता, आध्यात्मिकता और शांति का रंग यानी सफेद रंग अक्षृय तृतीया पर पहन सकते हैं. सफेद रंग सादगी और भक्ति को दर्शाता है, इससे मन और घर में शांति आती है.
पीला और सुनहरा: अक्षय तृतीया पर पीला या सुनहरा रंग धन और सकारात्मकता को आकर्षित करता है. माना जाता है कि इससे आर्थिक स्थिरता आती है और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. वैदिक परंपराओं में पीला रंग बृहस्पति ग्रह से जुड़ा है, जो ज्ञान, भाग्य और धन को नियंत्रित करता है.
लाल और गुलाबी: लाल रंग को हिंदू संस्कृति में विवाह और शुभ शुरुआत से जोड़ा जाता है. इस रंग को शक्तिशाली रंग माना जाता है. यह शक्ति का भी प्रतिनिधित्व करता है. गुलाबी रंग भी लाल रंग का दूसरा रूप है. यह प्यार, दया और सद्भाव को दिखाता है.
हरा: यह रंग विकास, उर्वरता और नई शुरुआत का प्रतीक है. इसको पहनने से सकारात्मकता आती है. साथ ही बदलाव और प्रकृति के साथ सामंजस्य का भाव आता है. नई शुरुआत करने वालों के लिए भी अच्छा विकल्प है.
नारंगी: यह रंग उत्साह, रचनात्मकता और परिवर्तन का प्रतीक है. यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और अनुकूल रहते हैं. यह कलाकारों, उद्यमियों और व्यक्तिगत विकास चाहने वालों के लिए एकदम सही है.
इस तरह के न पहनें कपड़े
काले और भूरे जैसे गहरे रंगों के कपड़ों को अक्षय तृतीया पर न पहनें. पारंपरिक मान्यताओं में काले रंग को नकारात्मकता या शोक से जोड़ा जाता है. इसके अलावा यह रंग सकारात्मक उर्जा को पास आने से रोकता है.