Shree Krishana Temple in MP : हर साल की तरह इस साल की होली भी धूमधाम से मनाई गई. हर तरफ अलग-अलग रिवाज़ों के मुताबिक रंगोत्सव मनाया गया... लेकिन क्या आप जानते हैं मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड समेत पन्ना में होली के दो दिन बाद एक अनोखा रिवाज है. जी हां, यहां की पुरानी परंपरा के मुताबिक, होली की दूज यानी कि दो दिन बाद भगवान श्री कृष्णा के सखी वेश में होली मनाई जाती है. सखी वेश में भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर भक्तों ने मंदिर प्रांगण में जमकर होली खेली. बता दें कि भगवान श्री जुगल किशोर के सखी वेश के दुर्लभ दर्शन साल में सिर्फ एक बार होली के दूसरे दिन को होते हैं. इस मौके पर होली आधी रात से शुरू होकर दूसरे दिन 24 घंटे तक चलती है. हजारों साल पुरानी इस परंपरा का आज भी पालन किया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि इस तरह की होली मथुरा वृंदावन के बाद केवल पन्ना में खेली जाती है.
क्या है मान्यता ?
दरअसल, इस परंपरा को लेकर ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण जब गोपियों के साथ होली खेलने गए थे तो उन्हें राधा की पोशाक पहना दी गई थी और राधा को श्री कृष्ण की पोशाक पहने दी गई थी. तभी से यह परंपरा चली आ रही है. भगवान श्री कृष्ण के भक्तों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. पन्ना जिला में जुगल किशोर जी का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. इस मंदिर में जन्माष्टमी के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है. यही नहीं, मोहन यादव सरकार यहां उज्जैन की तर्ज पर महाकाल लोक जैसे जुगल किशोर लोक बनाने की तैयारी में है. इससे लोगो में बेहद खुशी और उत्साह का माहोल है.
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इस त्यौहार के पीछे ये भी माना जाता है कि होली के दो दिन बाद भगवान श्रीकृष्ण अपने आराध्य के सखी वेश में दर्शन देते हैं. जुगल किशोर के इस सखी वेश के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस खास मौके पर सुबह से ही मंदिर पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ता है. हर भक्त भगवान मुरली मुकुट के सखी वेश को निहारने और उनके साथ होली खेले बिना खुद को रोक नहीं पाता. इस मौके पर झांझ, मजीरों और ढोलक बजाए जाते हैं. नाच गाने के साथ गुलाल उड़ा कर होली खेली जाती है. इसके बाद भक्तों को खास प्रसाद भी बांटा जाता है. मुरली मुकुट के इस खास रूप को देखने के लिए गुरुवार को भी बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचें.
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