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This Article is From Jul 11, 2023

महासमुंद: यहां भीम ने किया था हिडिम्बा से विवाह, ह्वेनसांग भी रहा है मुरीद

जिले में चूना पत्थर और ग्रेनाइट की खानें हैं और अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पत्थरों की कटाई-पॉलिशिंग और धान उत्पादन पर निर्भर करती है. महासमुंद जिले का गठन 6 जुलाई 1998 में हुआ था, इसके पहले यह रायपुर जिले का हिस्सा था.

महासमुंद: यहां भीम ने किया था हिडिम्बा से विवाह, ह्वेनसांग भी रहा है मुरीद

छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्वी मध्य भाग में स्थित महासमुंद जिला अपने ऐतिहासिक मंदिरों और सांस्कृतिक इतिहास के लिए जाना जाता है. महानदी के तट पर स्थित सिरपुर गांव पुरातात्विक अवशेषों और प्राचीन मंदिरों के प्रसिद्ध है. जिले में चूना पत्थर और ग्रेनाइट की खानें हैं और अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पत्थरों की कटाई-पॉलिशिंग और धान उत्पादन पर निर्भर करती है. महासमुंद जिले का गठन 6 जुलाई 1998 में हुआ था, इसके पहले यह रायपुर जिले का हिस्सा था.

पुरातात्विक पर्यटन स्थल सिरपुर कभी था सोमवंशी राजाओं की राजधानी

प्राचीन शिलालेखों में सिरपुर का उल्लेख श्रीपुर, श्रीपुरा के नाम से मिलता है. यह 5वीं से 12वीं सदी के हिंदू, जैन और बौद्ध अवशेषों और स्मारकों वाला पुरातात्विक पर्यटन केंद्र हैं. यहां 1950 से 2003 के दौरान हुई खुदाई में 22 शिव मंदिर, 5 विष्णु मंदिर, 10 बौद्ध विहार, 3 जैन विहार, 6 और 7वीं सदी के बाजार और स्नान कुंड मिले हैं. एक ही जगह पर इन सभी का मिलना समन्वयवाद का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है.

चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपने संस्मरणों में यहां के मठों और मंदिरों का उल्लेख किया था. यह क्षेत्र कभी सोमवंशी राजाओं के राज दक्षिण कोसल की राजधानी थी.

यहां पर्यटक लक्ष्मण मंदिर, बुद्ध विहार, बालेश्वर मंदिर, सुरंग टीला मंदिरों में प्राचीन वास्तुकला देखने आते हैं. सुरंग टीला मंदिर पंचायतन शैली में निर्मित है.

महाभारत काल से जुड़ा है खल्लारी मंदिर का इतिहास

महासमुंद शहर से 25 किमी दूर खल्लारी गांव में खल्लारी माता का मंदिर है. यहां हर साल चैत्र नवरात्र के अवसर पर मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए 800 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. मान्यता है कि महाभारत काल में पांडव यहां आए थे. पहाड़ी के मार्ग में विशाल पदचिन्ह के आकार की डोह है जिसमें वर्ष भर जल भरा रहता है. माना जाता है कि ये भीम के पैर के निशान हैं. मान्यता है कि यहीं भीम ने हिडिंबा से विवाह किया था.

काले पत्थर और चावल से चलती है जिले की अर्थव्यवस्था

जिले में 150 से ज्यादा राइस मिल और दो सौ से ज्यादा ब्लैक स्टोन खदान और पॉलिशिंग यूनिट्स हैं. जिले की अर्थव्यवस्था इन्हीं पर टिकी है. अन्य फसलों में गेहूं, मूंगफली, सरसों, उड़द और कोको कुटकी शामिल हैं. जिले मे 350 से ज्यादा पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें पांच मध्यम से बड़े उद्योग में आती हैं. जिले के बागबाहरा, बसना और पिथौरा में ग्रेनाइट मिलती है. इसके अलावा दिमागुड़ा में सोना और टिन अयस्क, रायपुर गांव और पिथौर ब्लॉक में सीसा अयस्क, बिरकोनी और घोड़ारी गांव में चूना पत्थर, सरायपाली में फ्लोराइड मिलता है.

महासमुंद जिला एक नजर में 

  • क्षेत्रफल - 3902 वर्ग किमी
  • जनसंख्या - 1032754
  • साक्षरता दर - 67.64
  • तहसील –       5
  • विधानसभा -     4
  • विकासखंड-        5
  • गांव-              1153

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