विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Aug 01, 2023

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: मध्य प्रदेश के 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यताएं रद्द, देखें पूरी लिस्ट

मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटले पर हाई कोर्ट ने आज बहुत सख्त रूख अपनाया. कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच में चल रहे 40 मामले जबलपुर हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के निर्देश दिया.

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: मध्य प्रदेश के 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यताएं रद्द, देखें पूरी लिस्ट

मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ में सुनवाई के दौरान संचालक चिकित्सा शिक्षा कोर्ट रूम में हाजिर रहे. सरकार ने हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के पालन में कोर्ट को बताया कि पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को भोपाल से इंदौर के लिए रिलीव कर दिया गया है. हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के पालन में सुनीता सिजु को नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार के पद से हटाते हुए विभिन्न अनियमितताओं हेतु नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके विरुद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही शुरू की गई. कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों में यह पाया कि कार्यवाई करने के मामले में देरी की गई है. पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू का पूरा सर्विस रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए हैं तथा भोपाल और इंदौर में हुई पोस्टिंग पर हैरानी व्यक्त की है. याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने हाईकोर्ट को बताया कि एक अन्य दोषी को नया रजिस्टार बना दिया गया है.

मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटले पर हाई कोर्ट ने आज बहुत सख्त रूख अपनाया. कोर्ट ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर हाईकोर्ट ग्वालियर बेंच में चल रहे 40 मामले जबलपुर हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के निर्देश दिया.

 स्टेला पीटर के कारनामे 

जबलपुर नर्सिंग कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ रहे स्टेला पीटर को सरकार ने विगत दिनों नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार बनाया है. याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दस्तावेज पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2020 में हुए कॉलेजों की मान्यता के निरीक्षण में स्टेला पीटर इंस्पेक्टर के रूप में ग्वालियर संभाग के 46 कॉलेजों का निरीक्षण उनकी मान्यता की अनुशंसा की थी. किंतु जैसे ही वर्ष 2021 में हाईकोर्ट के आदेश पर नई जांच हुई तो जो 70 कॉलेज अपात्र पाए गए थे. उसमें से 16 कॉलेज पीटर की अनुशंसा पर ही खोले गए थे. उस वक्त पीटर ही नर्सिंग काउंसिल की उस कार्यकारिणी समिति की सदस्य थी. जिसने वर्ष 2020 के 660 कालेजों को मान्यता प्रदान करने की स्वीकृति दी थी. इन्हीं 2020 के खोले गए कॉलेजों में से 200 से ज्यादा कॉलेज बंद हो चुके हैं और उनकी मान्यता समाप्त की गई है.

pb5heob
8pem0sr
k4gs7md8

गड़बड़ी करने वाले सरकारी जांच में बच गए !

कॉलेजों की अनुशंसा करने वाले इंस्पेक्टरों के विरुद्ध कार्यवाई करने के स्थान पर उन्हीं में से एक इंस्पेक्टर स्टेला पीटर को रजिस्ट्रार बना दिया गया है, कोर्ट को यह भी बताया गया कि जानबूझकर दोषी रजिस्ट्रारों को एक पेज का नोटिस देकर खानापूर्ति की गई है.यह नर्सिंग घोटाला है ऐसा है जिसमें सैकड़ों फर्जी कॉलेज खुले और उनकी मान्यता भी समाप्त हुई किंतु गड़बड़ी करने वाले सरकार की जांच में दोषी ही नहीं पाए गए.

सुनवाई में सरकार की ओर से एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष बर्नाड ने कोर्ट को बताया कि नर्सिंग कॉउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को दतिया ट्रांसफर करते हुए आरोप पर जारी कर दिया गया है. विभागीय जांच 3 माह में समाप्त कर ली जाएगी, कोर्ट को बताया गया कि कॉउंसिल में नियुक्त की गई नई रजिस्ट्रार स्टेला पीटर को भी पद से हटा कर वापस मूल पद वापस पर भेज दिया गया है.

नर्सिंग काउंसिल की ओर से एक आवेदन पेश कर कोर्ट को बताया गया कि फैकल्टी फर्जीवाड़े में वर्ष 2022-23 में मान्यता प्राप्त 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर दी गई है और जिन इंस्पेक्टर द्वारा कॉलेजों की भौतिक सत्यापन की गलत रिपोर्ट काउंसिल को सौंपी गई थी, उनको नोटिस जारी किए गए हैं. उन पर कार्यवाई के लिए कमेटी का गठन किया गया है. नर्सिंग काउंसिल ने अपने सभी कार्यवाइयों का हवाला देते हुए कोर्ट से अनुरोध किया कि याचिका का निराकरण कर दिया जाए.

अब इस मामले को सीबीआई को सौंपने पर विचार करेंगे : हाई कोर्ट

हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल की मांग को खारिज करते हुए टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए एक भी कदम संतोषजनक नहीं है. इस मामले में की गई कार्यवाई और सरकार के ढीले रवैए के कारण हम अब इस मामले को सीबीआई को सौंपने पर विचार करेंगे. 

364 कालेजों की जांच का मामला सीबीआई के पास है : सरकार ने कहा

कोर्ट की टिप्पणी पर सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि ग्वालियर हाईकोर्ट के आदेश पर पहले से ही सीबीआई प्रदेश भर के नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है, जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कोर्ट को बताया कि सीबीआई वर्तमान में मध्यप्रदेश के सिर्फ उन 364 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रही है. जिन्हें वर्ष 2020-21 में मेडिकल यूनिवर्सिटी ने संबद्धता दी थी जबकि नर्सिंग काउंसिल द्वारा वर्ष 2020-21 में खोले गए 670 नर्सिंग कॉलेज में से 364 कॉलेजों के अलावा शेष कॉलेज अभी भी सीबीआई जांच के दायरे से बाहर हैं. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ग्वालियर बेंच में चल रहे नर्सिंग फर्जीवाड़े से संबंधित 40 मामलों को जबलपुर ट्रांसफर करने के आदेश दिए और मामले की सुनवाई 1 सप्ताह बाद नियत की.
 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
बाल विवाह पर कसा शिकंजा, तो परिवार ने कहा- "लड़का-लड़की करते हैं ये काम.... "
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: मध्य प्रदेश के 19 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यताएं रद्द, देखें पूरी लिस्ट
Jabalpur Health department took major action canceled registration doctor chamber clinic private hospitals
Next Article
Jabalpur में 122 डॉक्टर चेम्बर, क्लीनिक और 4 प्राइवेट अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द, स्वास्थ्य विभाग ने इसलिए की ये कार्रवाई 
Close
;