
Dharali Village Cloudburst: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को आई त्रासदी ने कई लोगों की जिंदगी निगल ली है. वहीं, 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं. बादल फटने के बाद आई बाढ़ से तबाही ने कई घरों को जमींदोज कर दिया है. मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. धराली गांव में हालात भयावह बने हुए हैं. सोशल मीडिया पर इस खौफनाक मंजर के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी त्रासदी में प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

इस त्रासदी में 4 लोगों की जान चली गई है. वहीं, लापता लोगों की तलाश की जा रही है. बताया जा रहा है कि मंजर इतना भयानक था कि कई घर बह गए हैं. इस वजह से मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. महज 30 सेकंड में ही एक पूरा इलाका मलबे के ढेर में तब्दील हो गया. सैलाब अपने पीछे करीब 20 फुट ऊंचा मलबे का ढेर छोड़ गया है.
उत्तराखंड में फटा बादल, नजदीक से देखिए तबाही
— NDTV India (@ndtvindia) August 5, 2025
30 सेकंड में सब तबाह... उत्तरकाशी के धराली में फटा बादल, 50 लोग लापता और 4 की मौत, देखिए नजदीक से तबाही#Uttarkashi | #flood | #ViralVideo pic.twitter.com/ifIOkwIiFy
गांव को बहा ले गई बाढ़, रह गया मलबा
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में कहीं बादल फटने के बाद यह विनाशकारी बाढ़ आई है. यह जगह धराली गांव के पहाड़ी वाले क्षेत्र में ऊपर ही है. जब बादल फटा तो ढेर सारा पानी पहाड़ के मलबे के साथ आया. पानी और मलबा पहाड़ से तेज रफ्तार में धराली गांव के एक बड़े इलाके में पहुंचा, जो गांव को बहाते हुए ले गया.

इस दौरान कई मकान, होटल और होम स्टे बह गए. इनकी संख्या 20-25 बताई जा रही है. सिर्फ कुछ सेकेंड में भयावह त्रासदी ने कई लोगों की जिंदगी लील ली.
#BREAKING: उत्तराखंड के धराली में बादल फटा, खीर गंगा ने शहर को चीर दिया, खौफनाक वीडियो#Uttarakhand pic.twitter.com/4tJEHYytag
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गंगोत्री धाम जाने का प्रमुख पड़ाव है धराली
उत्तरकाशी का धराली गांव हिमालय के बीच और पवित्र गंगा नदी के तट पर बसा है, यह गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है. यह जगह सेब के बगीचों के तौर पर जानी जाती है. साथ ही ऐसा कहा जाता है कि यह उत्तराखंड की वजह जगह है जो अभी तक बड़ी आबादी की पहुंच से दूर है. यह हर्षिल से करीब (3-4 किमी दूर) ही है और इसके आसपास कई आश्रम भी स्थित हैं.

गंगोत्री जाने वाले यात्री हर्षिल में पड़ाव करते हैं, जो लोग हर्षिल में नहीं रुक पाते, वो धराली में रुकते हैं. धराली कस्बे के बाद गंगोत्री तक पहाड़ी रास्ता है. बीच में कोई कस्बा नहीं है. इस वजह से धराली में बहुत से गेस्टहाउस, होमस्टे, रेस्टोरेंट और ढाबे आदि बने हुए हैं. त्रासदी में बड़ी संख्या में होटल और होमस्टे बह गए हैं.

पीएम ने संवेदना व्यक्त की
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, उत्तरकाशी के धराली में हुई इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. इसके साथ ही सभी पीड़ितों की कुशलता की कामना करता हूं. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी से बात कर मैंने हालात की जानकारी ली है. राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव की टीमें हरसंभव प्रयास में जुटी हैं. लोगों तक मदद पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है.
राहत-बचाव कार्य जारी- सीएम
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा, धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए SDRF, NDRF, जिला प्रशासन तथा अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं. इस संबंध में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है. ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.