Rashtrapati Bhavan Durbar Hall And Ashok Hall Name Change: राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan), भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय और निवास (Official Residence of The President of India ), राष्ट्र का प्रतीक है और लोगों की अमूल्य विरासत है. इसे लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचारों को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. अब राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल - ‘दरबार हॉल' (Durbar Hall)और ‘अशोक हॉल' (Ashok Hall) - का नाम बदलकर अब ‘गणतंत्र मंडप' (Ganatantra Mandap) और ‘अशोक मंडप' (Ashok Mandap) कर दिया गया है.
President Droupadi Murmu renames two of the important halls of Rashtrapati Bhavan – namely, ‘Durbar Hall' and ‘Ashok Hall' – as ‘Ganatantra Mandap' and ‘Ashok Mandap' respectively: Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/2q6F5ZdVaq
— ANI (@ANI) July 25, 2024
क्या होता है इन हाल में?
‘दरबार हॉल' में कई बड़े आयोजन होते रहे हैं. राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का यह स्थान रहा है. ‘दरबार' शब्द से भारतीय शासकों, राजा-महाराजाओं और अंग्रेजों के दरबार और सभाओं का आभास मिलता है.
#RashtrapatiBhavan's 'Durbar Hall' and 'Ashok Hall' have been renamed 'Ganatantra Mandap' and 'Ashok Mandap,' respectively, by President #DroupadiMurmu. pic.twitter.com/Eqbu0zPgwP
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 25, 2024
सरकार ने कहा, "भारत के गणतंत्र बनने के बाद इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई है. 'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए दरबार हॉल का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' कर दिया गया है. बड़े आयोजन स्थल के लिए यह एक उपयुक्त नाम है."
बाॅलरूम कनेक्शन?
'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था. 'अशोक' शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो "सभी दुखों से मुक्त" या "किसी भी दुख से रहित" हो. साथ ही, 'अशोक' सम्राट अशोक को संदर्भित करता है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक है. भारतीय गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का शेर शीर्ष पर है. यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है. 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से भाषा में एकरूपता आती है और 'अशोक' शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बनाए रखते हुए अंग्रेजीकरण के निशान मिट जाते हैं.
यह भी पढ़ें : Ration Card: छत्तीसगढ़ में 70 लाख हितग्राहियों ने कार्ड रीन्यू करवाने के लिए कर दिया आवेदन, ये है लास्ट डेट
यह भी पढ़ें : Kargil Vijay Diwas: भारत-पाक युद्ध की 25th Anniversary पर जानिए, सैनिकों के लिए जबलपुर का था अहम योगदान
यह भी पढ़ें : Sarkari Yojana: युवाओं को कौशल विकास से जोड़ने के लिए 'ग्रामीण पथ रोशन योजना', फ्री ट्रेनिंग और लोन की भी सुविधा
यह भी पढ़ें : MP में बैगा-भारिया-सहरिया जनजातियों का हर घर होगा रोशन, PM जनमन योजना में बिजली कनेक्शन देने का काम तेजी से जारी