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करोड़ों की आतिशबाजी! इस दिवाली शिवाकाशी से बिके 6 हजार करोड़ रुपए के पटाखे, एसोसिएशन ने कहा उत्पादन गिरा

Diwali News: इस साल तमिलनाडु के पटाखा केंद्र शिवकाशी ने दिवाली पर 6000 करोड़ रुपए के पटाखे बेचे हैं. वहीं संगठन का कहना है कि 100 साल पुराने आतिशबाजी उद्योग में इस बार बड़ी गिरावट देखने को मिली है.

करोड़ों की आतिशबाजी! इस दिवाली शिवाकाशी से बिके 6 हजार करोड़ रुपए के पटाखे, एसोसिएशन ने कहा उत्पादन गिरा

Diwali Fireworks: तमिलनाडु फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (Tamil Nadu Fireworks Manufacturers Association) ने बताया है कि राज्य के विरुधुनगर जिले में स्थित शिवकाशी (Sivakasi Fireworks) के पटाखा कारखानों ने दिवाली के लिए देश भर में 6,000 करोड़ रुपये के पटाखे बेचे हैं. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि शिवकाशी में सौ साल पुराने आतिशबाजी उद्योग को इस साल उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट का सामना करना पड़ा है. यह कमी मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों के निर्माण में एक प्रमुख घटक बेरियम नाइट्रेट पर प्रतिबंध को दोहराए जाने और आपस में जुड़े हुए पटाखों पर अतिरिक्त प्रतिबंधों के कारण है - एक फ्यूज से जुड़े अलग-अलग पटाखों के सेट, जिससे एक पटाखा जलने पर वे क्रमिक रूप से जलते हैं.

30 फीसदी गिरावट आयी

शिवकाशी में व्यवसाय के मालिकों ने बताया कि आपस में जुड़े हुए पटाखों पर प्रतिबंध के कारण उत्पादन में कम से कम 30 प्रतिशत की गिरावट आई है. आतिशबाजी निर्माताओं के अनुसार, शिवकाशी और आस-पास के गांवों में 300 से अधिक कारखाने आपस में जुड़े हुए पटाखे बनाते हैं.

कालीश्वरी फायरवर्क्स के एपी सेल्वराजन ने कहा कि "शिवकाशी में कुल उत्पादन में ध्वनि वाले पटाखों का हिस्सा 40 प्रतिशत है. ध्वनि उत्पादों में से, लगभग 20 प्रतिशत आपस में जुड़े हुए पटाखे थे." उन्होंने कहा कि पटाखों के कई निर्माताओं ने महीनों तक अपनी फैक्ट्रियां बंद रखी हैं, जिसके कारण श्रमिक दूसरी फैक्ट्रियों में चले गए हैं.

इसके अलावा, शिवकाशी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश ने उत्पादन को और प्रभावित किया, जिससे उत्पादन सामान्य का लगभग 75 प्रतिशत रह गया. शिवकाशी में 1,150 पटाखा फैक्ट्रियों के लगभग चार लाख श्रमिक इस साल 6,000 करोड़ रुपये के पटाखे बनाने में शामिल थे.

शिवकाशी को भारत के पटाखा उद्योग का केंद्र माना जाता है, जो देश के लगभग 70 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन करता है.

हालांकि, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि निर्माण प्रक्रिया के दौरान कई दुर्घटनाएं हुई हैं, जिससे जानमाल का नुकसान हुआ है. अकेले 2024 में शिवकाशी में 17 दुर्घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 54 मौतें हुईं.

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