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This Article is From Sep 11, 2023

चंद्रयान, सूर्ययान के बाद अब समुद्रयान की बारी... अगले साल पानी में उतरेगा सबमर्सिबल 'मत्स्य'

जानकारी के मुताबिक यह सबमर्सिबल 2024 तक तैयार हो जाएगा. जिसके बाद इसका पहला ट्रायल चेन्नई के तट पर बंगाल की खाड़ी में होगा. भू-विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि समुद्रयान मिशन के अंतर्गत हम अगले साल की पहली तिमाही के दौरान मत्स्य सबमर्सिबल का ट्रायल करने वाले हैं.

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चंद्रयान, सूर्ययान के बाद अब समुद्रयान की बारी... अगले साल पानी में उतरेगा सबमर्सिबल 'मत्स्य'
मत्स्य सबमर्सिबल से 3 लोगों को समद्र की गहराई में भेजा जा सकता है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लांच करने के बाद अब भारतीय वैज्ञानिक समुद्रयान मिशन की लांचिंग की तैयारी कर रहे हैं. इस मिशन के तहत 3 वैज्ञानिकों को समुद्र की गहराई में 6000 मीटर नीचे भेजा जाएगा. इसके लिए वैज्ञानिकों की ओर से मेड इन इंडिया सबमर्सिबल 'मत्स्य' 6000 भी तैयार कर लिया गया है. इसे बनाने में निकेल, कोबाल्ट और मैगनीज जैसे तत्वों का इस्तेमाल किया गया है. भारत से पहले सिर्फ अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन जैसे देश ही मानवयुक्त पनडुब्बी बनाने में सफल हो पाए हैं.  

हाल ही में टाइटन सबमरीन के डूबने के बाद भारतीय वैज्ञानिक इस सबमर्सिबल को बनाने में विशेष ध्यान दे रहे हैं. इसके लिए राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) के वैज्ञानिकों ने सबमर्सिबल के डिज़ाइन, सामग्री, परीक्षण, प्रमाणन और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर पर विशेष काम किया है. 

चेन्नई के तट पर होगा पहला ट्रायल

सबमर्सिबल मत्स्य को बनाने में दो साल का समय लगा है. जानकारी के मुताबिक यह सबमर्सिबल 2024 तक तैयार हो जाएगा, जिसके बाद इसका पहला ट्रायल चेन्नई के तट पर बंगाल की खाड़ी में होगा. भू-विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि समुद्रयान मिशन के अंतर्गत हम अगले साल की पहली तिमाही के दौरान मत्स्य सबमर्सिबल का ट्रायल करने वाले हैं. यह ट्रायल 500 मीटर की गहराई में होगा. उन्होंने बताया कि यह मिशन साल 2026 तक लांच होगा.

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कई तरह के रिसर्च और खोज पर काम करेगा मत्स्य

जानकारी के अनुसार 'मत्स्य 6000' निकल, कोबाल्ट, मैगनीज, हाइड्रोथर्मल सल्फाइड और गैस हाइड्रेट्स की खोज के अलावा हाइड्रोथर्मल वेंट (जल उष्मा) और समुद्र में कम तापमान वाले मीथेन रिसने में केमोसिंथेटिक बायोडायवर्सिटी की जांच करेगा.

600 बार तक का दवाब झेल सकता है यह सबमर्सिबल

NOIT के डायरेक्टर जी ए रामादास ने कहा कि मत्स्य 6000 का व्यास 2.1 मीटर रखा गया है, जिससे आसानी से 3 लोगों को नीचे भेजा जा सके. इस सबमर्सिबल को 600 बार तक का दबाव (समुद्र तल के दबाव से 600 गुना अधिक) झेलने के लिए 80 मिमी मोटी टाइटेनियम एलॉय से बनाया गया है. साथ ही इसे 12 से 16 घंटे तक लगातार चलाने के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है. इस सबमर्सिबल में ऑक्सीजन सप्लाई 96 घंटे तक उपलब्ध रहेगी.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि मत्स्य 6000 की लांचिंग में मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया जाएगा, जिसमें जहाज से सबमर्सिबल को तैनात करने के बाद, वह जहाज पानी के नीचे सबमर्सिबल के साथ आसान संचार के लिए सबमर्सिबल के ठीक ऊपर की सतह पर रहेगा.

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