
PM Modi at INS Vikrant on Diwali 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2025 की दिवाली का पर्व आज भारतीय नौसेना के शूरवीरों के साथ समुद्र के बीच मनाया. पीएम मोदी सोमवार को स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS विक्रांत पर पहुंचे और नौसेना के जवानों के साथ दीप प्रज्वलित कर शुभकामनाएं दीं तथा उन्हें संबोधित भी किया.
यह वही INS विक्रांत है, जिसे सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था. पूरी तरह से भारतीय तकनीक और स्वदेशी संसाधनों से इस युद्धपोत को केरल के कोच्चि शिपयार्ड में तैयार किया गया है. यह उपलब्धि भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है जो अपने विमानवाहक पोत खुद बनाते हैं. मोदी ने कहा कि, “INS विक्रांत भारत की आत्मनिर्भरता और समुद्री सामर्थ्य का जीता-जागता प्रतीक है. आज जब हम इस पर दिवाली मना रहे हैं, तो यह देश की सुरक्षा, शक्ति और गौरव का उत्सव भी है.”
Celebrating Diwali with our brave Navy personnel on board the INS Vikrant. https://t.co/5J9XNHwznH
— Narendra Modi (@narendramodi) October 20, 2025
INS विक्रांत की खासियतें
- लंबाई: 262 मीटर
- वज़न (डिस्प्लेसमेंट): 45,000 टन
- गति: 28 नॉट्स
- लागत: लगभग ₹20,000 करोड़
- लड़ाकू क्षमता: 30 विमान और हेलीकॉप्टर ले जाने की योग्यता
- सुविधाएं: 18 डेक, 2,400 कमरे, 1,600 सैनिकों की आवासीय क्षमता
- महिला अधिकारियों के लिए विशेष सुविधाएं
- मिग-29के, कामोव-31, एमएच-60आर, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और हल्के लड़ाकू विमानों के संचालन में सक्षम.

Photo Credit: @PMOIndia
भारत के पास कितने विमानवाहक युद्धपोत?
वर्तमान में भारत के पास दो विमानवाहक युद्धपोत हैं- INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत. ये दोनों ही हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी का INS विक्रांत पर दिवाली मनाना न केवल जवानों का मनोबल बढ़ाने वाला कदम है, बल्कि यह भारत की ‘Make in India' रक्षा नीति और समुद्री रणनीतिक शक्ति का प्रदर्शन भी है.

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1971 में INS विक्रांत की वीरगाथा: पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया
साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा था, जो पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में मानवाधिकार उल्लंघनों और राजनीतिक अस्थिरता के कारण हुआ. भारत का लक्ष्य था पूर्वी पाकिस्तान को आज़ादी दिलाना, यानी बांग्लादेश का निर्माण. उस समय INS विक्रांत भारत का पहला विमानवाहक युद्धपोत था. इसे बंगाल की खाड़ी में तैनात किया गया ताकि वह पूर्वी पाकिस्तान की समुद्री नाकेबंदी (Naval Blockade) कर सके. INS विक्रांत ने चटगांव, कोक्स बाजार, मोंगला और खुलना बंदरगाहों पर हवाई हमले किए. इन हमलों ने पाकिस्तानी नौसेना की आपूर्ति लाइनों को पूरी तरह काट दिया, जिससे पाक सेना अलग-थलग पड़ गई.

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युद्ध के दौरान INS विक्रांत के हमले
4 दिसंबर 1971 को INS विक्रांत से लॉन्च हुए Sea Hawk विमानों ने चटगांव और कोक्स बाजार पर पहला हवाई हमला किया. 6 से 10 दिसंबर तक लगातार हमलों से पूर्वी पाकिस्तान के सभी प्रमुख बंदरगाह ध्वस्त हो गए. INS विक्रांत के कारण पाकिस्तान की नौसेना पूर्वी मोर्चे पर पूरी तरह निष्क्रिय हो गई. भारत की नौसेना ने समुद्री प्रभुत्व हासिल किया और यह बांग्लादेश की मुक्ति का निर्णायक मोड़ बना. 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने आत्मसमर्पण कर दिया और बांग्लादेश का जन्म हुआ.
Over the past decade, our defence forces have steadily moved towards becoming self-reliant. pic.twitter.com/Iwr9jDJjuo
— PMO India (@PMOIndia) October 20, 2025
पाक की खतरनाक पनडुब्बी ‘गाजी' बनी अपनी ही चाल की शिकार
1971 के युद्ध में पाकिस्तान की एडवांस पनडुब्बी PNS Ghazi को भारतीय नौसेना ने विशाखापत्तनम तट के पास समंदर की गहराइयों में दफना दिया. यह वही सबमरीन थी जिसे INS विक्रांत को निशाना बनाने भेजा गया था, लेकिन वाइस एडमिरल एन. कृष्णन की रणनीति और INS राजपूत की कार्रवाई से गाजी खुद ही अपने जाल में फंस गई. 3 दिसंबर को INS राजपूत ने समुद्र में छलपूर्वक ऑपरेशन चलाया और गाजी पर हमला किया, जिससे जोरदार विस्फोट हुआ. इस हमले में पाकिस्तान के 93 नौसैनिक मारे गए, और भारत ने समुद्री युद्ध में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की.
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