One Nation One Election in India: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. ऐसे में भाजपा (BJP) ने अपने लोकसभा (Lok Sabha) सांसदों को इस बिल के लिए तैयार रहने का निर्देश देते हुए व्हिप जारी किया है. माना जा रहा है कि मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 को यह बिल लोकसभा में पेश किया जा सकता है.
लोकसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक डॉ. संजय जायसवाल ने सभी सांसदों को पत्र जारी कर मंगलवार को सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. पत्र में कहा गया है कि लोकसभा में कुछ अति महत्वपूर्ण विधायी कार्यों पर चर्चा और उसे पारित कराने की प्रक्रिया होगी. इसमें सभी सांसदों से अनुरोध किया गया है कि वे पूरे समय सदन में उपस्थित रहकर सरकार के पक्ष का समर्थन करें.
शीतकालीन सत्र में बिल पेश होने की संभावना
संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर 2024 तक चलेगा. इससे पहले ऐसी चर्चा थी कि यह बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब माना जा रहा है कि यह बिल मंगलवार को सदन में लाया जाएगा.
कैबिनेट से मिली मंजूरी
12 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को मंजूरी दी गई थी. इस दौरान दो ड्राफ्ट विधेयकों को भी मंजूरी दी गई थी.
ये दो बिल हो सकते हैं पेश
- संविधान संशोधन विधेयक - लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए.
- केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव से संबंधित विधेयक - तीन केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए.
बिल पर लोगों की राय और विपक्ष से संवाद
सूत्रों के अनुसार, सरकार इस बिल पर आम जनता की राय लेने की भी योजना बना रही है. इसके तहत बिल के प्रमुख पहलुओं और इसके फायदों पर विचार-विमर्श होगा. पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की प्रक्रिया, चुनाव प्रबंधन और आवश्यक तैयारियों पर चर्चा होगी. साथ ही विपक्षी दलों के साथ संवाद की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अर्जुन राम मेघवाल और किरेन रिजिजू को सौंपी गई है.
क्या है ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल का मुद्दा?
यह बिल लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है. सरकार की ओर से इसके ये फायदे बताए जा रहे हैं.
- चुनावी खर्च में कमी आएगी.
- बार-बार आचार संहिता से छुटकारा मिलेगा, जिससे विकास प्रभावित नहीं होगा
- प्रशासन और संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकेगा.
राजनीतिक हलचल तेज
दरअसल, इन दिनों देश में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' पर सियासत करमाई हुई है. सात्ता पक्ष इसके फायदे गिना रहा है. वहीं, विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चुनौती मान रहा है. सरकार इससे समय और संसाधनों की बचत के लिए आवश्यक सुधार बता रही है. लिहाजा, इस सत्र में इस बिल पर चर्चा के दौरान सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है.
मंगलवार का दिन भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' पर संसद में क्या फैसला होता है और यह बिल कितना समर्थन हासिल करता है.