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मैं सबसे बड़ा हूं, सबसे आखिर में जाऊंगा... उत्तरकाशी सुरंग से निकले ये 'गब्बर सिंह' विलेन नहीं हीरो हैं!

गब्बर सिंह के भाई जयमाल सिंह नेगी ने राहत की सांस लेते हुए बुधवार को NDTV को बताया, 'उन्होंने मुझसे कहा कि मैं सबसे वरिष्ठ हूं इसलिए मैं बाहर आने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा.' मंगलवार रात को सभी 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया.

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मैं सबसे बड़ा हूं, सबसे आखिर में जाऊंगा... उत्तरकाशी सुरंग से निकले ये 'गब्बर सिंह' विलेन नहीं हीरो हैं!
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के हीरो गब्बर सिंह नेगी

Uttarkashi Tunnel Rescue: बीती रात उत्तरकाशी (Uttarkashi) की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया. न सिर्फ उत्तराखंड (Uttarakhand) बल्कि पूरा देश खुशियां मना रहा है. बचाव अभियान (Rescue Operation) से जुड़े लोगों और मजदूरों के जज्बे को सभी सलाम कर रहे हैं. इस बीच टनल (Tunnel) में फंसे एक मजदूर गब्बर सिंह नेगी (Gabbar Singh Negi) की सभी खासतौर पर तारीफ कर रहे हैं. खबरों में गब्बर सिंह नेगी को इस पूरी कहानी का 'हीरो' कहा जाने लगा है. वह तीन बार इस तरह की परिस्थिति का सामना कर चुके हैं. 

पौरी गढ़वाल जिले में जन्मे गब्बर सिंह ने जमीन के 200 फीट अंदर 400 से अधिक घंटे तक फंसे अपने साथियों को योग और मेडिटेशन सिखाया. वह इस बात का ख्याल रखते थे कि सभी शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहें. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जब एक-एक मजदूर बाहर निकाले जा रहे थे तब गब्बर सिंह ने कहा कि वह सबसे आखिर में बाहर आएंगे.

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भाई से कहा- मैं सबसे बड़ा हूं, सबसे आखिरी में आऊंगा

गब्बर सिंह के भाई जयमाल सिंह नेगी ने राहत की सांस लेते हुए बुधवार को NDTV को बताया, 'उन्होंने मुझसे कहा कि मैं सबसे वरिष्ठ हूं इसलिए मैं बाहर आने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा.' मंगलवार रात को सभी 41 मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाल लिया गया. यह सुनिश्चित करने के लिए कि उनमें से किसी को कोई चोट नहीं आई है, सभी की मेडिकल जांच की गई. मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने में गब्बर सिंह ने एक अहम भूमिका निभाई.

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लोगों ने बांटीं मिठाइयां और मालाएं

जयमाल नेगी बीते दो हफ्ते से घटनास्थल पर मौजूद हैं. उन्होंने बताया, 'मैं बहुत खुश हूं. परिवार बहुत खुश है. न केवल परिवार बल्कि पूरा देश... पूरे देश ने उनके लिए प्रार्थना की. जब वे बाहर आए और हमने देखा कि वे सुरक्षित हैं, तो हमने मिठाइयां और मालाएं बांटीं.' उन्होंने अपने भाई की बहादुरी के बारे में बताया, 'वह बहुत बहादुर है. जब मैंने उससे पूछा कि क्या रेस्क्यू शुरू होने पर भगदड़ मच जाएगी, तो उसने मुझसे कहा, 'मैं बड़ा हूं, मैं आखिरी में आऊंगा.' 

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