Last Naxalite Surrender: कर्नाटक में अंतिम नक्सली मानी जाने वाली लक्ष्मी ने रविवार को उडुपी के उप आयुक्त विद्या कुमारी और पुलिस अधीक्षक अरुण के सामने बिना शर्त के सरेंडर कर दिया.इसके सरेंडर के बाद अब कर्नाटक नक्सल मुक्त राज्य बन गया है. पुलिस के अनुसार, लक्ष्मी आंध्र प्रदेश में छिपी हुई थी. उसके पास उडुपी जिले के पुलिस थानों में तीन मामले हैं. ये मामले साल 2007-2008 के हैं, और ये पुलिस के साथ गोलीबारी, हमले , गांवों और छोटे शहरों में माओवादी साहित्य फैलाने से संबंधित हैं.
नक्सली एजेंडे को बढ़ावा देने में थी सक्रिय
पुलिस ने कहा कि लक्ष्मी मूल रूप से कुंडापुर के मच्छट्टू गांव के थोंबट्टू की रहने वाली है. उसके पति ने साल 2020 को आंध्र प्रदेश में सरेंडर किया था.20 साल पहले उसने अपने परिवार से संबंध तोड़ दिया था. वह चिक्कामगलूर और उडुपी जिलों में नक्सली एजेंडे को बढ़ावा देने में सक्रिय थी.
Karnataka: Lakshmi, who was involved in Naxal activities for the past 20 years, surrendered before the office of the Udupi District Police Superintendent today. The first Naxal in Udupi district joined the mainstream today.
— ANI (@ANI) February 2, 2025
She says, "I saw the call of CM Siddaramaiah on TV and… pic.twitter.com/te4nbXENtp
सरेंडर के बाद उसने कहा कि मैंने टीवी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कॉल देखा और इसके सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद मैं मुख्यधारा में शामिल हो रही हूं. मेरी मांग है कि मेरे गांव में सड़कें बनाई जाएं, पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हों, जो आवश्यक है. उसने ये भी कहा कि मुझे नक्सलवाद छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए किसी ने मजबूर नहीं किया.
उन्होंने कहा कि समिति के प्रयासों के कारण 22 नक्सल कार्यकर्ताओं ने 2025 में अब तक आत्मसमर्पण किया है और लक्ष्मी आत्मसमर्पण करने वाला राज्य की आखिरी नक्सली हैं. कर्नाटक अब 'नक्सल मुक्त' राज्य है.
अब छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने की तैयारी
छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त राज्य बनाने की तैयारी की जा रही है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का ऐलान किया है. केंद्र और राज्य सरकारें दोनों ही मिलकर इस दिशा में काम कर रही हैं. नक्सलियों के खिलाफ लगातार कई बड़े आपरेशन्स चलाए जा रहे हैं. एनकाउंटर में बड़े नक्सली ढेर हो रहे हैं. सरेंडर और गिरफ्तारी की संख्या भी बढ़ गई है.
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