CG Crime News : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से साइबर अपराध से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. दुर्ग पुलिस ने कर्नाटक बैंक की स्टेशन रोड शाखा में हुए संदिग्ध लेनदेन के मामले में 35 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें 15 खाता धारक और 20 खाते उपलब्ध कराने वाले शामिल हैं. पुलिस जांच में सामने आया है कि ये पूरा मामला ऑनलाइन सट्टेबाजी और साइबर फ्रॉड से जुड़ा हुआ है.
कैसे सामने आया यह मामला
पिछले दिनों गृह मंत्रालय के आदेश पर दुर्ग पुलिस ने कर्नाटक बैंक की स्टेशन रोड शाखा के 111 खातों में संदिग्ध लेनदेन का मामला दर्ज किया था. इन खातों में पूरे देश के विभिन्न हिस्सों से हुए साइबर ठगी के मामलों से जुड़े लगभग 2 करोड़ 85 लाख 33 हजार 247 रुपये ट्रांसफर किए गए थे. यह संपूर्ण लेनदेन 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 के बीच हुआ था. गृह मंत्रालय के समन्वय पोर्टल से मिली जानकारी के बाद दुर्ग पुलिस ने इन खातों की जांच शुरू की, जिसके बाद इस बड़े फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ.
बैंक खाते किराए पर देने का खुलासा
गिरफ्तार किए गए खाताधारकों ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने अपने बैंक खाते किराए पर दिए थे. इसके बदले उन्हें हर महीने 10,000 रुपये तक की राशि दी जाती थी. इन खातों का उपयोग ऑनलाइन ठगी, साइबर क्राइम और ऑनलाइन सट्टेबाजी (गैंबलिंग) के लिए किया जा रहा था.पुलिस ने इस मामले में 15 खाता धारकों और 20 खाते उपलब्ध कराने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया.
महादेव सट्टा एप से कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे साइबर फ्रॉड के पीछे महादेव सट्टा एप का पैनल चलाने वाले लोग शामिल हैं. इन सटोरियों ने भारी नुकसान होने के बाद खुद के साथ साइबर फ्रॉड होने की शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराई थी, जिससे पुलिस की जांच इस गिरोह तक पहुंची.
फर्जी खातों के पीछे कौन-कौन शामिल
इस साइबर ठगी के पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था, जिसमें बीटेक एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग छात्र, एमबीए ग्रेजुएट, अकाउंटेंट, सेल्सगर्ल, चायवाले, पंचर बनाने वाले, बेरोजगार युवक, मैकेनिक, कार वॉश करने वाले और कॉलेज के छात्र तक शामिल थे.गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ ने 5 से 10 हजार रुपये में बचत खाते बेचे, जबकि कॉरपोरेट खातों के लिए 1 लाख रुपये तक लिए जाते थे. इन खातों में 5 करोड़ रुपये तक का ट्रांजेक्शन किया जा सकता था, जिससे इस गिरोह ने साइबर ठगी को अंजाम दिया.
साइबर ठगी की रकम दिल्ली और सूरजपुर से ट्रांसफर
पुलिस जांच में पता चला है कि इस फ्रॉड की रकम दिल्ली और सूरजपुर से ट्रांसफर की गई थी. यह पैसा म्यूल अकाउंट्स (किराए के खाते) में जमा किया गया, जिससे आगे इसे निकाला जा सके।
कैसे चलता था यह गिरोह
जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने खाताधारकों की एक पूरी चेन तैयार कर रखी थी. गिरोह के सदस्य अलग-अलग लोगों से खाते खरीदते थे और फिर उन्हें आगे ऊंचे दामों पर बेच देते थे. पुलिस ने पाया कि श्वेता, उसकी बहन एकता, प्रेम पांडे, रितेश पांडे, करण, कंचन एक्का, रॉबिन और रितेश कुजुर इस गिरोह के मुख्य सदस्य हैं.कंचन एक्का के पास ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के 5 करोड़ रुपये थे, जिन्हें अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करके एटीएम के जरिए निकालना था.
रॉबिन ने अमर प्रजापति से 8 लाख रुपये में खाते खरीदे और फिर इन्हें गुरप्रीत सिंह उर्फ चिंटू ने दिल्ली के समीर मिर्जा को 9 लाख रुपये में बेच दिया. गिरोह के हर सदस्य के पास 10 से 15 बैंक खाते मिले हैं.
कई खाते ऑनलाइन गैंबलिंग में उपयोग हुए
पुलिस ने यह भी पाया कि कई बैंक खातों का उपयोग ऑनलाइन गैंबलिंग और सट्टेबाजी के लिए किया गया था. इससे यह स्पष्ट हुआ कि महादेव सट्टा एप के पैनल संचालकों और सट्टा खेलने वालों ने इस धोखाधड़ी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.फ्रॉड में शामिल 35 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.
गिरफ्तार किए गए खाताधारकों के नाम
1. प्रदीप महतो
2. निखार मेश्राम
3. सुनील बारिक
4. सौरभ कोठारी
5. कमलेश साहू
6. सरिता विश्वकर्मा
7. सुधा मानिकपुरी
8. बड़ी रवि
9. अनुकूल सरावगी
10. प्रेम पांडे
11. एकता पांडे
12. शदाब अली
13. जितेंद्र बिंझलेकर
14. कालू हरपाल
15. प्रवीण चंदेश
गिरोह के प्रमुख सदस्य और खाते उपलब्ध कराने वाले
1. श्वेता दुबे
2. टुकेश्वर ठाकुर
3. हुमेंद्र पटेल
4. शुभम रंगारी
5. विमल साहू
6. एमडी आरिफ
7. यशवंत टोडल
8. राकेश साव
9. अभय साव
10. रितेश पांडे
11. अमृतपाल सिंह उर्फ करण
12. रंजय सिंह
13. अमन सिंह
14. अथर्व जायसवाल
15. आयुष सोनी
16. राहुल वर्मा
17. रॉबिन लकड़ा
18. गुरप्रीत सिंह
19. रितेश कुजुर
20. कंचन एक्का
पुलिस ने अब तक 111 संदिग्ध खातों में से 15 खातों की जांच पूरी कर ली है, और जल्द ही बाकी खातों की जांच भी पूरी होगी. अभी और भी आरोपी सामने आ सकते हैं.
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चेतावनी और सावधानी
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे साइबर अपराधी लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग कर सकते हैं. लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने बैंक खातों को किसी भी अज्ञात व्यक्ति को न दें और किसी भी संदिग्ध लेनदेन की तुरंत पुलिस या बैंक को सूचना दें.
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