
जाने माने उद्योगपति गौतम अदाणी ने महाकुंभ की समाप्ति पर अपने अनुभव देश के साथ साझा किए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अदाणी ग्रुप ने अपने सेवा कार्य को ‘तेरा तुझको अर्पण' की भावना से किया. इसके साथ ही उन्होंने देशभर के लोगों को महाशिवरात्रि पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मेरा मानना है कि जीव मात्र की सेवा ही ईश्वर के साक्षात्कार का श्रेष्ठ मार्ग है. महाकुंभ ‘तेरा तुझको अर्पण' की भावना को साकार करने का अवसर देता है, जहां हम जननी जन्मभूमि से प्राप्त सब कुछ उसे समर्पित कर सकते हैं."
उन्होंने आगे कहा कि लाखों श्रद्धालुओं की सेवा कर हम स्वयं को धन्य मानते हैं. वास्तव में, सेवा करने वाला नहीं, बल्कि सेवा ग्रहण करने वाला ही हमें परमात्मा तक पहुंचने का अवसर देता है. हमें जिन भाई-बहनों और संत जनों की सेवा करने का पुण्य प्राप्त हुआ, उन्हें करबद्ध नमन करता हूं. बता दें कि अदाणी समूह ने महाकुंभ के मौके पर इस्कॉन के साथ हाथ मिलाकर हर दिन एक लाख श्रद्धालुओं में महाप्रसाद वितरण कर श्रद्धालुओं की सेवा का कार्य किया था.
अदाणी समूह ने की खास पहल
दरअसल, अदाणी समूह ने इस बार अपने कर्मचारियों के लिए भी महाकुंभ को लेकर एक खास पहल की थी. गौतम अदाणी इसके बारे में बताते हुए कहा कि इस महाकुंभ के दौरान अदाणी परिवार में एक अनोखा प्रयोग किया गया. हमने परिवार के सदस्यों को महाकुंभ में अपनी सेवाएं देने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का विकल्प दिया था और कुछ ही घंटों में हज़ारों सदस्यों ने इस पवित्र कार्य के लिए खुद को समर्पित कर दिया. परिणामस्वरूप, अदाणी परिवार के 5000 से अधिक सदस्यों ने श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त किया. कुंभ जैसे महाआयोजन में सेवा के माध्यम से उन्होंने मैनेजमेंट, लीडरशिप, क्राइसिस हैंडलिंग और टीमवर्क जैसे व्यावहारिक पाठ सीखे, जो उन्हें एक बेहतर प्रबंधक ही नहीं, बेहतर इंसान भी बनाएगा.
वृद्ध महिला को गौतम अदाणी ने किया याद
गौतम अदाणी ने 21 जनवरी 2025 को परिवार के साथ प्रयागराज की यात्री की और महाकुंभ में स्नान एवं पूजन किया था. इस दौरान उन्होंने इस्कॉन में महाप्रसाद और गीता प्रेस के पंडाल में आरती संग्रह का वितरण भी किया था. इस मौके पर उन्होंने एक वृद्ध महिला से अपनी मुलाकात को याद किया. उन्होंने बताया कि मुझे अब भी वह भावपूर्ण क्षण याद है, जब मैं प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर के पास गीता प्रेस के शिविर में आरती संग्रह वितरित कर रहा था. तभी लगभग 80 वर्ष की एक वृद्ध मां भीड़ को चीरते हुए मेरे पास आईं और मेरे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया. उस पल जो अनुभूति हुई, वह शब्दों से परे थी. एक गहरा आत्मिक स्पर्श, जिसे मैं जीवन भर संजोकर रखूंगा. मेरे लिए सेवा केवल एक कर्म नहीं, बल्कि अंतर्मन में गूंजने वाली प्रार्थना है. एक ऐसी प्रार्थना, जो सदा विनम्रता और समर्पण के धरातल से जोड़े रखती है.
बता दें कि इस महाकुंभ में अदाणी समूह ने श्रद्धालुओं की सेवा के लिए इस्कॉन के साथ हाथ मिलाकर हर दिन एक लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने और गीताप्रेस गोरखपुर के साथ मिलकर एक करोड़ आरती संग्रह वितरित करने का संकल्प लिया था. इसके अलावा अदाणी समूह की तरफ से वृद्ध-महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त गोल्फ कार्ट सेवा भी चलाई गई थी.