Ad Guru Piyush Pandey: अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को पद्म श्री विजेता पीयूष पांडे के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी आवाज ने भारत को अपनी कहानी पर विश्वास दिलाने का काम किया. गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "पीयूष पांडे केवल एक एडवरटाइजिंग लीजेंड ही नहीं थे, वे इससे भी कहीं अधिक बढ़कर थे. वे एक ऐसी आवाज थे, जिसने भारत को अपनी कहानी पर विश्वास दिलाया."
Piyush Pandey was far more than just an advertising legend. He was the voice that made India believe in its own story. He gave Indian advertising its self-confidence, its soul, its “swadeshi” swagger. And he was a very good friend! Like a master batsman, he played every stroke… pic.twitter.com/HhyaEBzZdL
— Gautam Adani (@gautam_adani) October 24, 2025
आज भारत ने अपना एक सच्चा बेटा खो दिया
गौतम अदाणी ने पीयूष पांडे को लेकर आगे कहा कि उन्होंने भारतीय एडवरटाइजिंग को उसका आत्मविश्वास, आत्मा और उसका स्वदेशी अंदाज दिया. उन्होंने बताया कि पांडे उनके एक बहुत अच्छे दोस्त भी थे. उन्होंने पांडे के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, "एक मास्टर बल्लेबाज की तरह, उन्होंने हर शॉट दिल से खेला. आज भारत ने अपना एक सच्चा बेटा खो दिया है."
उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, "मेरे प्रिय दोस्त पीयूष पांडे के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं. वे एक क्रिएटिव जीनियस थे, जिन्होंने भारतीय एडवरटाइजिंग को ग्लोबल पावरहाउस का आकार दिया. उनके विचार इंडस्ट्री के बेंचमार्क थे. उन्होंने स्टोरीटेलर्स की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया. उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. 'ओम शान्ति'."
पीयूष पांडे की पहचान विज्ञापन की दुनिया में एक मिसाल पेश करने के रूप में होती थी. उन्होंने कई ब्रांड के विज्ञापनों में अपनी आवाज देकर कम्युनिकेशन का तरीका ही बदल दिया. पांडे ने हिंदी और भारतीय मुहावरों को विज्ञापनों में शाामिल किया. भारत सरकार की ओर से पांडे को 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. उन्होंने 70 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली. इससे पहले वे कुछ समय कोमा में रहे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने पीयूष पांडे को भारत के सबसे बेहतरीन कहानीकारों में से एक बताया. उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, "उन्होंने हमें सिखाया कि इमोशन ही क्रिएटिविटी की सबसे सच्ची भाषा है. उनके शब्दों ने ब्रांड्स को इंसान जैसा बनाया और आइडियाज को अमर कर दिया. एक ऐसे लेजेंड को अलविदा, जिन्होंने हमें महसूस कराया, सोचने पर मजबूर किया और हंसाया."
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