विज्ञापन
Story ProgressBack

ISRO 2047 Roadmap: 5 वर्ष में बन सकता है भारत का पहला स्पेस स्टेशन यूनिट, पर्यटन समेत हैं कई मिशन

ISRO Indian Space Research Organization: इसरो के आगामी अंतरिक्ष रोडमैप में देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने (2047) तक का प्लान तैयार है. जिसमें कई चंद्रयान (Chandrayaan), गगनयान (Gaganyaan), चंद्रमा पर मानव मिशन (Human Mission in Lunar) और चंद्रमा पर्यटन (Lunar Tourism) जैसी कई मिशनों की योजना बनाई गई हैं.

Read Time: 5 min
ISRO 2047 Roadmap: 5 वर्ष में बन सकता है भारत का पहला स्पेस स्टेशन यूनिट, पर्यटन समेत हैं कई मिशन
प्रतीकात्मक फोटो

Unknown Facts About Indian Space Research Organisation: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने आगामी मिशन (Space Mission) को लेकर कॉन्फिडेंट नजर आ रहा है. इसरो भारत के पहले स्पेस स्टेशन (Space Station Unit) को तैयार करने की जद्दोजहद में है. इसरो के अनुसार भारत अपना स्पेस स्टेशन यूनिट महज पांच वर्षों में तैयार कर सकता है. बता दें कि इस साल अक्टूबर में पीएमओ ने भारत के आगामी अंतरिक्ष रोडमैप (Space Road Map of India) को जारी किया था. जिसके कुछ ही हफ्ते के बाद इसरो भारत के पहले स्पेस स्टेशन को सिर्फ 5 वर्षों में बनाने को लेकर कॉन्फिडेंट है.

इसरो के आगामी अंतरिक्ष रोडमैप में देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे होने (2047) तक का प्लान तैयार है. जिसमें कई चंद्रयान (Chandrayaan), गगनयान (Gaganyaan), चंद्रमा पर मानव मिशन (Human Mission in Lunar) और चंद्रमा पर्यटन (Lunar Tourism) जैसी कई मिशनों की योजना बनाई गई हैं.

हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा, "हमने प्रधानमंत्री को अति-महत्वाकांक्षी टारगेट नहीं दिया है. 2040 अभी 17 साल दूर है और चंद्रमा पर इंसानों को भेजने के लिए तकनीक विकसित करने का यह एक अच्छा समय है. प्रस्तावित अंतरिक्ष स्टेशन पर भी हमारा काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और हमें इतना सक्षम होना चाहिए कि 2028 तक हम स्पेस स्टेशन की पहली यूनिट तैयार कर सकें." आपको बता दें कि इसरो 120 किमी से 140 किमी की ऊंचाई पर एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाना चाहता है, जो कम से कम तीन अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ समय के लिए अंतरिक्ष में रख सके.

इसरो चेयरमैन के बयान के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि इसरो स्पेस स्टेशन की पहली यूनिट 2028 तक तैयार कर लेता है, तो भारत 2035 के आस-पास अपने पूरे स्पेस स्टेशन का निर्माण कर लेगा. बता दें कि पीएमओ ने भारत के खुद के स्पेस स्टेशन को बनाने का लक्ष्य वर्ष 2035 रखा है.

स्पेस स्टेशन लांच करने के लिए NGLV जरूरी

इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा, "हम बहुत स्पष्ट हैं कि स्पेस स्टेशन की पहली यूनिट 2028 तक प्राप्त की जा सकेगी, क्योंकि हमारे वर्तमान लॉन्च वेहिकल का उपयोग करके ऐसा करना संभव है. इसके बाद, हमें एक बड़े प्रक्षेपण यान, एनजीएलवी (Next Generation Launch Vehicle) की जरूरत होगी. हमें उम्मीद है कि एनजीएलवी 2034-35 के आसपास तैयार हो जाएगा. पूरा स्टेशन बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण है."

उन्होंने कहा कि इसरो की एक बड़ी टीम एनजीएलवी पर काम कर रही है, जिसकी डिजाइन को अंतिम रूप दिया जा चुका है. टीम ने एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है. जिसमें रॉकेट का स्ट्रक्चर, डिजाइन, तकनीकी इनपुट, इसे कहां किया जाना चाहिए, किस प्रकार का निर्माण, आदि के बारे में बताया गया है.

ISRO ने तैयार किया चंद्र रोडमैप 2047

इसके अलावा एस सोमनाथ ने बताया कि 2047 के लिए इसरो के रोडमैप में कई चंद्र मिशन हैं. जिन्हें तीन प्रमुख चरणों टेक्नोलॉजी बिल्ड-अप फेज (2023-28), लूनर रीच-आउट फेज (2028-40) और लूनर बेस फेज (2040-47) में विभाजित किया गया है. इस यात्रा में कई अन्य मिशनों जैसे नए रॉकेटों के विकास, उनकी मानव-रेटिंग, अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और बहुत कुछ शामिल है. जबकि चंद्रयान-4, जो कि एक सैंपल रिटर्न मिशन है, पर पहले से ही काम चल रहा है.

ये भी पढ़ें - वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के लिए मध्यप्रदेश को मिला ‘सैंक्चुअरी एशिया अवॉर्ड', दिखाई गई शॉर्ट फिल्म

वहीं इसरो के चंद्रयान -5, 6 और 7 मिशन को 'लूनर रीच-आउट फेज' में लॉन्च करने की योजना है. एस सोमनाथ ने कहा, "चंद्रमा पर मानव मिशन का प्रयास करने से पहले कई मानवरहित चंद्र मिशन होंगे." चंद्रयान-5 में, इसरो को एक दीर्घकालिक मिशन की उम्मीद है. जिसमें रेडियो आइसोटोप हीटर यूनिट्स (RHU), छोटे उपकरण जो रेडियोएक्टिव क्षय के माध्यम से गर्मी प्रदान कर सकते हैं और चंद्रमा पर एक्सट्रीम टेंपरेचर वैरिएशन को मैनेज करने के लिए अन्य टेक्नोलॉजीस का उपयोग किया जाएगा. 

वहीं चंद्रयान-6 आवास निर्माण पर ध्यान देने की योजना है, जबकि चंद्रयान-7 में चंद्रमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा. इनमें से किसी भी मिशन के लिए सरकार ने अनुमति नहीं दी है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरिक्ष के इस्तेमाल को लेकर जिस तरह आक्रामक हैं, उसे देखते हुए कम से कम फिलहाल इसरो को समर्थन मिलने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें - गुजरात का गरबा UNESCO ने की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में शामिल, PM मोदी से लेकर मंत्री तक किसने क्या कहा?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close