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Good News: हमारे सैनिकों को जल्द मिलेगा वर्ल्ड क्लास इलाज, AI-ड्रोन-नैनो टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल

Indian Army News: रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने कहा कि समझौते के अनुसार, सहयोग के जिन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की गई है, उनमें ड्रोन-आधारित रोगी परिवहन, टेलीमेडिसिन इनोवेशन, चिकित्सा क्षेत्र में एआई का अनुप्रयोग और नैनो टेक्नोलॉजी में प्रगति कार्यक्रम शामिल हैं.

Good News: हमारे सैनिकों को जल्द मिलेगा वर्ल्ड क्लास इलाज, AI-ड्रोन-नैनो टेक्नोलॉजी का होगा इस्तेमाल

Indian Army News: भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों (Army Soldiers) और अधिकारियों (Army Officers) को जल्द ही दुनिया की बेस्ट टेक्नोलॉजी आधारित इलाज (World Class Treatment) मिल सकेगा. इसमें ड्रोन-आधारित रोगी परिवहन (Drone Based Patient Transport), टेलीमेडिसिन (Telemedicine), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) यानी एआई (AI) और नैनो टेक्नोलॉजी (Nanotechnology) शामिल हैं. इन सभी नई पहल, रिसर्च और ट्रेनिंग में सहयोग के उद्देश्य से सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (Armed Forces Medical Services) यानी एएफएमएस (AFMS) ने आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad) के साथ एक समझौता किया है.

MOU में क्या है?

इस समझौता ज्ञापन (MOU) का उद्देश्य नए चिकित्सा उपकरणों के विकास में इनोवेशन एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना है. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में सेवारत सैनिकों के लिए विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधाओं का समाधान के साथ विस्तार करना है.

इसके अंतर्गत सशस्त्र बलों के सामने आने वाली विविध चिकित्सा चुनौतियों से निपटने के लिए आईआईटी हैदराबाद अपने जैव प्रौद्योगिकी, जैव चिकित्सा अभियांत्रिकी और जैव सूचना विज्ञान जैसे विभागों के साथ आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा.

Defence Ministry का क्या कहना है?

रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने कहा कि समझौते के अनुसार, सहयोग के जिन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की गई है, उनमें ड्रोन-आधारित रोगी परिवहन, टेलीमेडिसिन इनोवेशन, चिकित्सा क्षेत्र में एआई का अनुप्रयोग और नैनो टेक्नोलॉजी में प्रगति कार्यक्रम शामिल हैं.

इनके अलावा समझौता ज्ञापन के अंतर्गत विद्यार्थी विनिमय कार्यक्रमों, स्नातक विद्यार्थियों के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रम और फैकल्टी विनिमय गतिविधियों की सुविधा दी जाएगी. सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह और आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रोफेसर बीएस मूर्ति ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए.

लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने दूसरे और तीसरे स्तर की देखभाल यानी दोनों ही स्थितियों में सैनिकों को व्यापक चिकित्सा देखभाल देने के लिए सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा की प्रतिबद्धता पर बल दिया. उन्होंने इस तथ्य का भी जिक्र किया कि अपनी अत्याधुनिक तकनीक के लिए मशहूर आईआईटी हैदराबाद जैसे संस्थान के साथ साझेदारी करना अनुसंधान एवं प्रशिक्षण को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

प्रोफेसर बीएस मूर्ति ने सशस्त्र बलों द्वारा बताई जाने वाली समस्याओं के निपटान के लिए आईआईटी हैदराबाद की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इससे उनके सामने आने वाली चुनौतियों का तत्काल एवं प्रभावी समाधान सुनिश्चित होगा.

यह सहयोग सैन्य कर्मियों के स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी व अनुसंधान का लाभ उठाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.

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