Indian Peacekeeper Radhika Sen: भारतीय सेना (Indian Army) की मेजर राधिका सेन को प्रतिष्ठित जेंडर एडवोकेट ( UN Military Gender Advocate Award) पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (UN Secretary-General Antonio Guterres) के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह घोषणा की है. दुजारिक ने कहा कि गुटेरेस गुरुवार को राधिका सेन को 2023 मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड प्रदान करेंगे. इसे संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of UN Peacekeepers) के रूप में मनाया जाता है. यह पुरस्कार साल 2000 के सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को बढ़ावा देने में एक पीस कीपर के प्रयासों को मान्यता देता है, जो महिलाओं और लड़कियों को संघर्ष वाले इलाकों में यौन हिंसा से बचाने का प्रयास करता है.
On #PKDay I pay tribute to the more than 76,000 men & women of @UNPeacekeeping who embody humanity's highest ideal: peace.
— António Guterres (@antonioguterres) May 29, 2024
Coming from over 120 countries, they bravely work in some of the most dangerous & unstable places on earth to protect civilians & uphold human rights. pic.twitter.com/omAPycYkzC
गुटेरेस ने बधाई देते हुए राधिका सेन को एक रोल मॉडल बताया
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के अनुसार, राधिका सेन ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम किया, जहां उन्होंने उत्तरी किवु में एक अलर्ट नेटवर्क बनाने में मदद की, जो समुदाय के लोगों, युवाओं और महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए आवाज उठाने के लिए एक मंच प्रदान किया.
Major Radhika Sen will be honored with the UN Military Gender Advocate of the Year Award on May 30th for her outstanding service in DR Congo. Her dedication and bravery highlight the invaluable role of #women peacekeepers in building a better world. We are incredibly proud of her… pic.twitter.com/arjiOmXOQN
— Ruchira Kamboj (@ruchirakamboj) May 28, 2024
राधिका का क्या कहना है?
राधिका सेन ने कहा, “लिंग-संवेदनशील शांति स्थापना हर किसी का काम है - न कि केवल हम महिलाओं का. शांति की शुरुआत हम सभी की खूबसूरत विविधता से होती है." उन्होंने कहा, "यह पुरस्कार मेरे लिए खास है. यह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम करने वाले सभी शांति सैनिकों की कड़ी मेहनत और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने को मान्यता देता है."
Major Radhika Sen from India 🇮🇳 is this year's recipient of the Military Gender Advocate of the Year award. 🙌
— UN Peacekeeping (@UNPeacekeeping) May 28, 2024
Learn more about her exemplary work: https://t.co/00e3wRgUnY #PKDay #PeaceBegins @MONUSCO @IndiaUNNewYork pic.twitter.com/elkn3Hn44J
कौन है राधिका? Who is Radhika Sen?
हिमाचल प्रदेश की रहने वाली राधिका सेन एक बायोटेक इंजीनियर हैं, जो आईआईटी बॉम्बे में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रही थीं, जब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया.
सेन मेजर सुमन गवानी के बाद यह सम्मान पाने वाली दूसरी भारतीय पीस कीपर हैं. सुमन गवानी ने दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम किया था और 2019 में यह पुरस्कार प्राप्त किया था.
संयुक्त राष्ट्र का क्या कहना है?
संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में 6,063 भारतीय कर्मियों में से 1,954 मोनुस्को के साथ काम करते हैं, जिनमें से 32 महिलाएं हैं.
संयुक्त राष्ट्र ने कहा, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी कमान के तहत शांति सैनिक पूर्वी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) में लिंग और सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंडों के प्रति संवेदनशीलता के साथ काम करें ताकि लोगों में विश्वास बनाने में मदद मिले और इस तरह उनकी टीम की सफलता की संभावना बढ़े.
उन्होंने महिलाओं के लिए जो गतिविधियां शुरू कीं, उनमें बच्चों के लिए अंग्रेजी भाषा की क्लास और वयस्कों के लिए स्वास्थ्य, लिंग और व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल थे. संयुक्त राष्ट्र ने कहा, "उनके प्रयासों ने महिलाओं की एकजुटता को सीधे तौर पर प्रेरित किया, खुले संवाद के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किए."
उन्होंने रविंडी शहर के पास काशलीरा की महिलाओं को अपने अधिकारों की वकालत करने के लिए खुद को संगठित करने के लिए प्रोत्साहित किया, विशेष रूप से स्थानीय सुरक्षा और शांति चर्चाओं में.
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